देहरा : बेसहारा गौ वंश को बचाने के प्रयास नहीं हो पाए सफल
रोड़ी-कोड़ी पंचायत में गंभीर रूप से घायल गौवंश को बचाने के प्रयास सफल नहीं हो पाए। बेसहारा गाय पिछले दस दिनों से पहाड़ी से गिरने के बाद चलने-फिरने में असमर्थ हो गई थी। हालांकि स्थानीय स्तर पर भी लोग गाय की लाचारी को देखकर घास और पानी का प्रबंध कर रहे थे, लेकिन इस गाय का उपचार नहीं हो पा रहा था। बरसात के मौसम में खुले में पड़ी गाय की हालत पर सभी को तरस आ रहा था। इस निरीह गौवंश की हालत को देखकर गांववासियों रविन्द्र पठानिया, राकेश ठाकुर ने शुक्रवार शाम को कैप्टन संजय से इस बाबत बातचीत की। संजय पराशर ने भी मानवता का परिचय देते हुए तत्काल डेरा बाबा हरि शाह गौशाला के मुख्य संचालक बाबा राकेश शाह से संपर्क किया और बताया कि अचेतावस्था में पड़ी गाय को वह गौशाला में लाना चाहते हैं और उसका उपचार करवाना चाहते हैं। इस पर राकेश शाह ने कहा कि वह गौवंश को भेजने की व्यवस्था कर दें तो गाय का इलाज शुरू किया जा सकता है। पराशर की टीम ने जेसीबी मंगवाकर गाय को पिक अप ट्राले में लादकर गौशाला में पहुंचा दिया। लेकिन शायद नियति को कुछ और ही मंजूर था। गौशाला में पहुंचते ही गाय ने दम तोड़ दिया। वहीं, बाबा राकेश शाह ने बताया कि उनकी गौशाला में इन दिनाें काफी दुर्घटनाग्रस्त गौवंश आ रहे हैं। अधिकतर गौ वंश सड़क दुर्घटनाओं में घायल हो रहे हैं। गौशाला में इन सभी का उपचार करवाया जा रहा है। रोड़ी-कोड़ी गांव से जो गाय आई थी, वह उठ भी नहीं सकती थी और यहां पहुंचने के बाद उसकी मौत हो गई। शायद गौ वंश बाबा के दरबार में ही प्राण त्यागना चाहती थी, तभी पराशर एक तरह से माध्यम बने और पवित्र भूमि पर आकर गौवंश ने अंतिम सांस ली। वहीं, संजय ने बताया कि डेरा बाबा हरि शाह गौशाला के प्रबंधक निस्वार्थ भाव से गौ सेवा कर रहे हैं और बाबा राकेश शाह तो खुद गायों की देखभाल के लिए दिन-रात जुटे रहते हैं। उन्होंने कहा कि वह खुद गौशाला में जाकर सारी व्यवस्था देखेंगे।