एनआईटी हमीरपुर के स्टूडेंट के आविष्कार 'आईओटू' को केंद्र सरकार से मिला पेटेंट
** रजत अनंत ने वर्ष 2021 में तैयार किया था स्वचालित ऑक्सीजन सिलेंडर ट्रॉली का प्रोटोटाइप
** ट्रॉली में एक साथ छह ऑक्सीजन सिलेंडर ले जाने की क्षमता
एनआईटी हमीरपुर के स्टूडेंट के आविष्कार को भारत सरकार के पेटेंट कार्यालय से मंजूरी मिली है। एनआईटी हमीरपुर के इलेक्ट्रिकल विभाग के स्टूडेंट रजत अनंत ने अपने इंजीनियर भाई मोहित के साथ मिलकर साल 2021 में स्वचालित ऑक्सीजन सिलेंडर ट्रॉली का प्रोटोटाइप तैयार किया था।
अब इस प्रोटोटाइप के विकसित मॉडल को पेटेंट कार्यालय से मंजूरी मिली है। अस्पतालों में आक्सीजन सिलेंडर ढोहने के लिए इस्तेमाल होने वाली इस आधुनिक ट्रॉली को आईओटू नाम दिया गया है। इस प्रोटोटाइप को स्टूडेंट रजत ने इलेक्ट्रिकल विभाग के प्रो. आरके जरियाल व मैकेनिकल विभाग के प्रो. राजेश शर्मा व आरके सूद के मार्गदर्शन में विकसित किया है। रजत साल 2022 में एनआईटी से पासआउट हो गए हैं।
तत्कालीन डीसी देव श्वेता बनिक ने इस प्रोजेक्ट को जिला प्रशासन के माध्यम से फंड किया था। प्रोटोटाइप को विकसित करने के बाद इसका इस्तेमाल मेडिकल कॉलेज हमीरपुर और सिविल अस्पताल टौणीदेवी में सफलतापूर्वक किया गया।
वहीं, रजत आनंद के भाई मोहित आनंद ने बताया, 'कोरोना काल में मैंने और मेरे भाई ने इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने की सोची। इस ट्रॉली को बनाने में 20 से 25 दिन का समय लगा। यह व्हीकल एक समय में 6 सिलेंडर आसानी से ले जा सकता है।