वक्त के साथ बदल रहे कई नेताओं के दल
" हर आदमी में होते हैं दस बीस आदमी
जिस को भी देखना हो कई बार देखना "
हिमाचल की पृष्टभूमि में ये शेर कुछ इस तरह पढ़ा जाना चाहिए, हर नेता में होते है दस बीस नेता जिस को भी देखना हो कई बार देखना। देश के वो दो राजनैतिक दल जो विचारधारा में एक दुसरे से दूर दूर तक मेल नहीं खाते मानों अब आपस में नेताओं का आदान प्रदान करने लगे हो।
नेता आज इधर कल उधर और न जाने परसो किधर। सत्ता का मोह पार्टियों को विचारधारा की राह से भटकाने में कामयाब होता दिख रहा है। कहा जा सकता है कि अब विचारधारा सा कोई विचार बचा ही नहीं बस जिधर भरी परात दिखती है नेता उधर लुड़कते जा रहे है। प्रदेश में कांग्रेस ने भी वही किया जो कुछ दिनों पहले भाजपा कर चुकी थी।
कांग्रेस पार्टी ने ऐसे दो नेताओं को टिकट दिए है जो भाजपा छोड़ कर आए है। सुजानपुर से धूमल के करीबी अब कांग्रेस के सिपाही हो गए है।और गगरेट में भी कालिया कांग्रेस में आ लिया हो गए है। अब यहाँ कौन किसके खिलाफ चुनाव लड़ेगा ये समझना मुश्किल हो गया है। भाजपाई कांग्रेसी और कांग्रेसी भाजपाई।