धर्मशाला : कांगडा में बंद रहे पटवारखाने, ठप रहा काम

कानूनगो- पटवारियों का प्रदेशव्यापी आंदोलन रंग लाया, सरकार को अल्टीमेटम
फर्स्ट वर्डिक्ट। धर्मशाला
पटवारियों व कानूनगो के साथ-साथ तहसीलदारों की प्रदेशव्यापी हड़ताल का असर कांगड़ा जिला में भी देखने को मिला। इस दौरान जिला भर की सभी तहसीलों के साथ-साथ पटवारखाने में भी राजस्व संबंधित कार्य ठप रहे। एक दिन का आकस्मिक अवकाश लेकर सरकार को मांगे मनवाने के लिए अल्टीमेटम दिया। पटवारखाने बंद होने से जहां लोगों को रोजमर्रा के जरूरी कार्य करवाने में दिक्कतें पेश आईं। वहीं, पटवारियों ने भी अपनी मांगें मनवाने के लिए पांच वर्ष में पहली बार ऐसा आंदोलन किया है। अगर सरकार ने मांगों पर जल्द विचार नहीं किया, तो आंदोलन तेज किया जाएगा। हालांकि पटवार एवं कानूनगो महासंघ राजस्व अधिकारियों व अपनी मांगों को लेकर समर्थन में उतरा था।
कांगड़ा उपमंडल के अंतर्गत आने वाली तहसील कांगड़ा के समस्त पटवारखाने बंद रहे, जिस कारण लोगों को रोजमर्रा के राजस्व संबंधी कार्य करवाने के लिए दिक्कत का सामना करना पड़ा। पटवार एवं कानूनगो महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष हेमराज शर्मा के आह्वान पर एक दिवसीय आंदोलन किया गया था, ताकि सरकार संघ की मांगों पर विचार करें। हालांकि प्रदेशाध्यक्ष हेमराज शर्मा का कहना है कि वह कई बार मांगों को लेकर मुख्यमंत्री, राजस्व मंत्री सहित कई उच्चाधिकारियों से मिल चुके हैं, लेकिन मांगों पर कोई विचार नहीं हुआ। पटवार एवं कानूनगो महासंघ जिला कांगड़ा के प्रधान राजेश पटाकू ने बताया कि जिला कांगड़ा में आंदोलन पूर्ण रूप से सफल रहा है तथा सरकार उनकी मांगों पर जल्द विचार करें। अन्यथा आंदोलन तेज किया जाएगा।
कुछ इस तरह है मांगों का ब्यौरा
कानूनगो से नायब तहसीलदार की पदोन्नति का कोटा 60 से 80 प्रतिशत करना
कानूनगो एवं पटवारी को तकनीकी कर्मचारी घोषित करना
पटवार वृत्तों का पुनर्गठन करके नए पटवार वृत्त बढ़ाने की मांग
कानूनगो दफ्तर व पटवारखानों की खस्ताहालत में सुधार
वेतन विसंगतियों को दूर करने की मांग
फर्नीचर संग आधारभूत सुविधाओं का अभाव
अच्छे लैपटॉप व इंटरनेट की सुविधा के साथ साथ प्रशिक्षण का अभाव
गैर राजस्व संबंधी कार्य करवाए जाने का विरोध