देहरा : निक्कमी सरकार व निक्कमे सिस्टम से निजात पाने के लिए जनता हो एकजुट : रोहित चौहान
बीजेपी को प्रचंड बहुमत देने के बावजूद अगर प्रदेश की जनता मौलिक हकों व सुविधाओं से वंचित है तो दोष सिस्टम का नहीं सरकार का है। यह बात देहरा कांग्रेसी नेता एवं पूर्व कांग्रेस राष्ट्रीय प्रवक्ता रोहित चौहान ने कही। प्रदेश की जनता अब यह स्पष्ट महसूस कर रही है कि बीजेपी को जनादेश देकर उनके साथ धोखा हुआ है। सरकार जनता की अपेक्षाओं आकांक्षाओं पर कतई खरी नहीं उतर पाई है। प्रदेश का आम नागरिक स्वास्थ्य सुविधाओं से जूझता हुआ अपने हाल पर है। मेडिकल कॉलेज से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों की दशा बद से बदतर हो चुकी है। रोहित चौहान ने कहा कि अब स्थिति यह है कि अस्पताल के बाहर स्वास्थ्य संबंधी निजी क्लीनकों व निजी तौर पर हेल्थ सर्विस देने वालों का कारोबार सरकारी हैल्थ सर्विस की नाकामियों पर ही चल रहा है। अस्पतालों व मेडिकल कॉलेजों में मूलभूत ढांचा ही सही नहीं है। हेल्थ सर्विस देने वाली करोड़ों की मशीनरी प्रबंधन व रखरखाव की घोर उपेक्षा का शिकार होकर शोपीस बन कर रह गई है, जोकि एक तरह से करोड़ों के बजट का सबब बनी हुई है। हमीरपुर मेडिकल कॉलेज हो या टांडा, सिरमौर का नाहन हो या फिर चंबा, या फिर आईजीएमसी शिमला, प्रदेश की जनता को संतोषजनक हेल्थ सर्विस देने में नाकाम रहे। ऐसे में प्रदेश के आम नागरिक को सही हेल्थ सर्विस देने में नाकाम हो चुकी बीजेपी सरकार जनता को उसका स्वास्थ्य जैसी सुविधा का मौलिक अधिकार तक नहीं दे पाई है। मेडिकल सर्विसेज में भ्रष्टाचार व मनमानी का बेलगाम दौर चला हुआ है। जिसमें प्रदेश के मरीज व उनके तीमारदार लाचार व बेबस हैं। उन्होंने कहा कि जब प्रदेश में चल रहे मेडिकल कॉलेज ही रेफरल अड्डे बन कर रह गए हैं तो कुर/देहराग्रामीण क्षेत्रों में तो हालात और भी खराब हैं। उन्होंने कहा कि हमीरपुर में अगर कोई स्वास्थ्य के क्षेत्र में सही सुविधाएं दे पा रहा है तो वह राधा स्वामी सत्संग व्यास संस्था द्वारा भोटा में चलाया जा रहा अस्पताल है। जिस में आम गरीब आदमी को स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रही हैं और उन पर भरोसा भी किया जा सकता है। अन्यथा सरकारी सिस्टम तो हेल्थ सर्विस में पूरी तरह फेल और फ्लॉप हो कर रह गया है। रोहित चौहान ने कहा कि अब आम आदमी को मौलिक सुविधाएं देने के लिए एकजुट होकर सामने आना होगा ताकि निक्कमी सरकार व निक्कमे सिस्टम से निजात पाई जा सके।