रोहतांग जाने के लिए सभी टैक्सी वाहनों को दी जाए परमिशन : गुप्त राम ठाकुर
हिम आंचल टैक्सी ऑपरेटर यूनियन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि अटल टनल के खुलने पर रोहतांग जाने के लिए सभी टैक्सी वाहनों को परमिशन दी जाए और इससे पहले 1200 टेक्सी वाहनों की परमिशन के आदेशों को रद्द किया जाए।
लिखे गए इस पत्र के बारे में जानकारी देते हुए यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष गुप्त राम ठाकुर भारती ने बताया कि अगर यह इजाजत मिल जाती है तो यूनियन के सभी सदस्य सरकार व प्रशासन का कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग करेंगे। उन्होंने बताया कि मनाली पूरे विश्व पर्यटन का हब है। लगभग पूरे भारतवर्ष की टैक्सियों का काम मनाली से ही निकलता है क्योंकि यहां पर मुख्य आकर्षण रोहतांग दर्रा है। वर्तमान में रोहतांग दर्रा जाने के लिए 1 दिन में मात्र 1200 टैक्सी व पर्यटक वाहनों को ही परमिशन दी जाती है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में बेरोजगारी की दर अन्य राज्यों से बहुत अधिक है और यहां रोजगार के नाम पर केवल मात्र टैक्सी का काम ही ऐसा काम है जिसे एक बेरोजगार कम पैसे से शुरू करता है और अपनी रोजी-रोटी के साथ-साथ सरकार द्वारा निर्धारित टैक्स व अन्य अनुदानों का भुगतान भी करता है। उन्होंने बताया कि आज के दौर में लगभग 5000 टैक्सी मनाली में ही चल रही हैं जबकि पूरे हिमाचल प्रदेश की बात की जाए तो 60 से 70 हजार टैक्सी वाहन चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि इतने टैक्सी वाहनों के होते हुए मात्र 1200 वाहनों को ही परमिशन दिए जाने से सभी को काम नहीं मिल पाता।
उन्होंने कहा कि एनजीटी कोर्ट द्वारा रोहतांग दर्रा में जाम की समस्या होने के कारण यह संख्या 1200 निर्धारित की गई थी लेकिन अब रोहतांग टनल खुलने के बाद लाहौल स्पीति और लद्दाख जाने वाले वाहनों की आवाजाही एक तरफ से ही हो जाएगी तो रोहतांग सड़क पर जाम लगने जैसी परेशानी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि जिस तरह से सभी टैक्सी वाहनों को 8 साल पहले बिना किसी परमिशन के रोहतांग दर्रा जाने दिया जाता था उसी तरह से अब सभी टैक्सी वाहनों को बिना परमिशन के रोहतांग दर्रा जाने की अनुमति दी जाए ताकि हिमाचल प्रदेश में आने वाले पर्यटकों को भी असुविधा का सामना ना करना पड़े। उन्होंने कहा कि इन सभी दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए 1200 वाहनों की परमिशन की व्यवस्था को पूरी तरह से रद्द किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि पर्यावरण बचाने के लिए जो शुल्क दिया जाता है उस शुल्क को देने के लिए सभी टैक्सी ऑपरेटर तैयार हैं ताकि पर्यावरण सुरक्षित रहे।