रूठे यारों को मनाने की कवायद
प्रदेश भाजपा में नाराज चल रहे कुछ नेताओं के कारण उपचुनाव से पहले घमासान होना तय लग रहा है। हिमाचल में चार उपचुनाव होने है और हर चुनाव क्षेत्र में भाजपा नेताओं के बीच अंतर्कलह चरम पर है। एक टिकट के लिए कई नेता आवाज़ बुलंद कर रहे है, जो कहीं न कहीं भाजपा के लिए एक बड़ी समस्या बना हुआ है। सरकार और संगठन दोनों इस संभावित घमासान काे थामने का मार्ग तलाश रहे है। ऐसे में नाराज नेताओं काे बाेर्ड एवं निगमों में कुर्सी देकर मनाने की कवायद शुरू हो गई है। साढ़े तीन साल से कई बोर्ड एवं निगमों में उपाध्यक्षाें के पद खाली चल रहे हैं, जिन्हें भरने की अब सरकार ने सुध ली है। रूठे अपनों को मनाने के इस फार्मूला पर सरकार और संगठन दोनों मुहर लगा चुके है। बताया जा रहा है कि हाल ही में दिल्ली दौरे के दौरान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस विषय को हाईकमान के समक्ष रखा था जिस पर हाईकमान की तरफ से भी सहमति जताई गई है। ऐसे में पार्टी व सरकार द्वारा असन्तुष्ट और सरकार बनने से अब तक हाशिये पर रहे भाजपा नेताओं को बोर्डों और निगमों में नियुक्तियां देने का आगाज हो चूका है। अब कौन रूठा मानता है और कौन नहीं, ये देखना दिलचस्प होने वाला है।
सितम्बर में संभावित उप चुनाव को लेकर सभी चार निर्वाचन क्षेत्रों में कई भाजपा नेताओं ने अभी से तेवर दिखाना शुरू कर दिए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के निधन से खाली हुई अर्की विधानसभा सीट से पूर्व भाजपा विधायक गोविंद राम शर्मा के प्रखर तेवर के बाद सरकार व संगठन में यह बात साफ हो गई है कि अपने लोगों को ज्यादा दिनों तक नाराज रखना उपचुनाव में नुकसान का सबब होगा। गोविंद राम शर्मा से पहले जुब्बल कोटखाई से भाजपा की नेत्री नीलम सरैक भी टिकट की मांग कर चुकी है और उनके तेवर भी बगावती लग रहे है। इसी तरह मंडी संसदीय सीट पर कुल्लू से भाजपा के वरिष्ठ नेता महेश्वर सिंह भी टिकट के चाहवान हैं और उन पर भी सबकी नजर टिकी है। वहीं फतेहपुर में भी पूर्व में प्रत्याशी रहे कृपाल सिंह परमार के खिलाफ अभी से कुछ नेता लामबंद होते दिख रहे है। ऐसे में बोर्ड निगमों में नियुक्ति देकर सरकार इन तमाम चाहवानों और असंतुष्ट नेताओं को साधने का प्रयास कर सकती है। साढ़े तीन साल बाद अब बोर्ड निगमों के पदों से नेताओं को नवाजा जाना कितना लाभदायक होता है, ये देखना रोचक होगा। बस जिन नेताओं को ये पद नवाजे जाएंगे उन्हें गाडी- बंगला जरूर मिल जाएगा। वहीं इस पर भी नजर रहने वाली है कि पार्टी की ऐसी लुभावनी पेशकश की स्तिथि में क्या नाराज़ नेताओं के तेवर नरम पड़ते है या सियासी गर्मी बरकरार रहेगी।
तीन की नियुक्ति, अब गोविंदराम और नीलम पर नजर
प्रदेश के निगमों व बोर्डों में कई ऐसे पद हैं जहां पर सरकार अपने चहेतों को बिठा सकती है। बीते शुक्रवार इसकी शुरुआत हो चुकी है। सरकार ने तीन नियुक्तियां की है जिनमें से एक फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र में है तो एक नजदीक लगते ज्वाली विधानसभा क्षेत्र में। भाजपा के ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष और फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र के भरयाल गांव निवासी ओमप्रकाश चौधरी को प्रदेश पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम कांगड़ा का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। जबकि जवाली विधानसभा क्षेत्र से भाजपा नेता संजय गुलेरिया को नेशनल सेविंग स्टेट एडवाइजरी बोर्ड का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। गुलेरिया जवाली विधानसभा सीट से टिकट की दौड़ में शामिल रहे हैं। तीसरी नियुक्ति प्रदेश महिला मोर्चा अध्यक्ष रशिमधर सूद की है जिन्हें पर्यटन विकास बोर्ड की उपाध्यक्ष बनाया गया है। अंदर की खबर ये है कि अर्की विधानसभा क्षेत्र से गोविंद राम शर्मा और जुब्बल कोटखाई से नीलम सरैक को भी साधने का प्रयास किया जा रहा है, पर अब तक ये नेता माने नहीं है।