हिमाचल से लेकर दिल्ली तक बिलासपुर का जलवा, नड्डा फैक्टर ने बढ़ाया बिलासपुर का सियासी कद
भाजपा की राजनीति में अब बिलासपुर का कद काफी विराट है। इसी जिला से आने वाले जेपी नड्डा वर्तमान में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष है, सो जाहिर है कि प्रदेश की सियासत में भी उनकी खूब चलती है। जयराम कैबिनेट के विस्तार में नड्डा फैक्टर का असर सबने देखा है। दरअसल 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा सत्ता में आई और जिला बिलासपुर की चार में से तीन सीटाें पर भाजपा काबिज हुई। तब प्रेम कुमार धूमल के चुनाव हारने के बाद लगने लगा था कि बिलासपुर को सीएम पद ही मिल जायेगा। बाकायदा नड्डा समर्थक विधायकों ने सीट छोड़ने तक का एलान कर दिया था। पर तमाम कयासों पर विराम लगा और जयराम ठाकुर सीएम बने। जयराम कैबिनेट में बिलासपुर को स्थान नहीं मिला। उस वक्त नड्डा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री थे। पर 2019 के आम चुनाव के बाद नड्डा भाजपा संगठन के सुप्रीम बन गए। 2020 में जब जयराम मंत्रिमंडल का विस्तार होना था तो भाजपा के कई दिग्गज कतार में खड़े थे पर नंबर आया पहली बार विधायक बनें राजेंदर गर्ग का। सियासी माहिर मानते है कि मंत्रीमंडल विस्तार में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने हस्तक्षेप किया था और इसीलिए जयराम कैबिनेट में घुमारवीं से पहली बार चुनाव जीतने वाले राजेंद्र गर्ग काे मंत्री की कुर्सी मिल गई। आपको बता दें की बिलासपुर में झंडूता से जीत राम कटवाल और बिलासपुर सदर से सुभाष ठाकुर भी पहली बार ही चुनाव जीत कर आए थे पर यहां लाॅटरी राजेंद्र गर्ग की लग गई।
2017 में भी चला नड्डा फैक्टर
गाैरतलब है कि 2017 के चुनाव में कांग्रेस बिलासपुर जिले की चार में से मात्र एक सीट पर सिमट कर रह गई, और बिलासपुर में नड्डा का वर्चस्व खूब दिखा था। झंडूता,बिलासपुर सदर और घुमारवीं तीनों सीटें भाजपा ने जीती थी। कांग्रेस सिर्फ नैनादेवी सीट ही जीत पाई थी। उस वक्त चुनाव प्रचार में नड्डा को खुलकर सीएम पद का दावेदार कहा गया जिसका असर बिलासपुर में खूब दिखा।
रिटायर अफसर राजनीति में भी हिट
2017 के विधानसभा चुनाव में एक रिटायर आईएएस अफसर काे भी राजनीतिक मैदान में उतरने का माैका मिला ताे उन्होंने दिखा दिया कि हम किसी से कम नहीं। यहां बात जीत राम कटवाल की हाे रही है। जे आर कटवाल आईएएस के रूप में प्रदेश सरकार काे अपनी सेवाएं देकर सेवानिवृत हो गए है। जिस साल वो रिटायर हुए उसी साल चुनाव भी हाेना था और उन्हें भाजपा से टिकट भी मिल गया। जीत राम कटवाल झंडूता विधानसभा सीट से विधायक है।
वीरभद्र सरकार में नहीं मिला था मंत्रिपद
पिछली वीरभद्र सरकार में जिला बिलासपुर काे कैबिनेट में जगह नहीं मिल पाई थी। हालांकि वरिष्ठता के हिसाब से राजेश धर्माणी काे कैबिनेट में जगह मिलनी चाहिए थी, लेकिन वीरभद्र विरोधी खेमा हाेने के चलते उन्हें सिर्फ सीपीएस से ही संतुष्ट हाेना पड़ा। उससे पहले जब धूमल सरकार थी ताे जिला बिलासपुर काे विधानसभा उपाध्यक्ष का पद मिला था। रिखी राम काैंडल झंडूता सीट से जीते थे। उससे पहले 2003 में कांग्रेस के रामलाल ठाकुर काे खेल एवं वन मंत्री का पद मिला था।
ये हैं जिला बिलासपुर के माननीय
राजेंद्र गर्ग- घुमारवीं, भाजपा
सुभाष ठाकुर- बिलासपुर सदर, भाजपा
जे आर कटवाल- झंडूता, भाजपा
रामलाल ठाकुर- नैनादेवी, कांग्रेस