मंत्री पद की जंग जीत गए कर्नल शांडिल
सुक्खू कैबिनेट के विस्तार में सोलन विधायक डॉक्टर कर्नल धनीराम शांडिल को मंत्री पद मिला है। 82 वर्षीय कर्नल शांडिल एससी समुदाय से आते है और गाँधी परिवार के करीबी माने जाते है। सेना में बतौर कर्नल सेवाएं देने के बाद 1999 में शांडिल की राजनीति में एंट्री हुई, तब शांडिल ने पंडित सुखराम की हिमाचल विकास कांग्रेस से शिमला संसदीय क्षेत्र से लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीता भी। इसके बाद कर्नल धनी राम शांडिल कांग्रेस में शामिल हो गए और 2004 में दोबारा लोकसभा का चुनाव लड़ा और दूसरी दफा जीतकर सांसद बने। 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने उन्हें एक बार फिर प्रत्याशी बनाया, लेकिन भाजपा के वीरेंद्र कश्यप से शांडिल चुनाव हार गए। फिर 2012 में कर्नल धनीराम शांडिल ने पहली बार सोलन विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। इसके बाद उन वीरभद्र सरकार में सामजिक न्याय एवं आधिकारिता मंत्री बनाया गया।
2017 में कर्नल शांडिल ने सोलन सदर सीट से फिर चुनाव लड़ा और अपने दामाद डॉक्टर राजेश कश्यप को हराकर फिर से विधायक बने। इस बार शांडिल ने शानदार जीत की हैट्रिक लगाकर 3858 मतो से भाजपा प्रत्याशी डॉ राजेश कश्यप को मात दी है।
कर्नल शांडिल उन नेताओं में से एक है जो हाईकमान के बेहद करीबी माने जाते है। वे कांग्रेस वर्किंग कमिटी के सदस्य भी रहे है। कांग्रेस सरकार बनने के बाद शांडिल का नाम मुख्यमंत्री फेहरिस्त में भी शामिल था, लेकिन सुखविंदर सिंह सुक्खू के मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही वरिष्ठता के आधार पर कर्नल शांडिल का नाम मंत्रिपद के दावेदारों में तय माना जा रहा था। अब जैसा अपेक्षित था हुआ भी बिलकुल वैसा ही, सुक्खू मंत्रिमंडल में कर्नल शांडिल के नाम पर मोहर लग गई है और सोलन को मंत्री पद मिल चूका है।