परिवारवाद पर कांग्रेस का जवाब, क्या अनुराग परिवारवाद की उपज नहीं ?
हिमाचल प्रदेश में उपचुनाव में परिवारवाद शुरुआत से ही मुख्य मुद्दा बना हुआ है। कभी भाजपाई कांग्रेस पर वंशवाद के आरोप लगाती है तो कभी कांग्रेस भाजपा पर। वार पलटवार का सिलसिला बदस्तूर जारी था पर फिर भाजपा ने चेतन बरागटा का टिकट काट नीलम सरैक को टिकट दे एक उदहारण पेश करने कि कोशिश की कि भाजपा परिवारवाद नहीं करती। खुद पलड़ा झाड़ने के बाद अब भाजपा कांग्रेस को परिवारवाद के मुद्दे पर खूब घेर रही है। भाजपा द्वारा कई ब्यान दिए गए जिसका जवाब कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप राठौर ने दिया है। कुलदीप राठौर ने कहा की अनुराग ठाकुर को जब पहली बार चुनाव लड़ाया था तब वह भाजपा सदस्य तक नहीं थे, क्या यह परिवारवाद नहीं था। अगर किसी परिवार का कोई व्यक्ति अच्छा काम कर रहा है उसे टिकट देने में कोई बुराई नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस से ज़्यादा परिवारवाद भाजपा में है। इसी के साथ कुलदीप ने भाजपा को कई अन्य मुद्दों पर भी घेरा। उन्होंने कहा की जब भाजपा शहीदों के नाम पर वोट मांग सकती है तो क्या कांग्रेस स्व. वीरभद्र सिंह के नाम पर नहीं मांग सकती, जिन्होंने हिमाचल प्रदेश को ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा लाशों के ऊपर राजनीति कर रही है। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में सत्ता विरोधी रुझान आज देखने को मिल रहा है। उपचुनाव में महंगाई, बेरोजगारी, बाहरी लोगों को रोजगार देने और विकास का मुद्दा होगा। प्रतिदिन बढ़ रही महंगाई पर भाजपा सरकार ने मौन धारण कर लिया है। इस पर भाजपा सरकार न तो रोक लगा पा रही है और न ही इस पर जवाब दे पा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार दिल्ली से कर्ज ले रही है पर कर्ज में लिया गया पैसा कहां पर व्यय किया जा रहा है इसका कोई पता नहीं चल पा रहा है। जब इस पर भाजपा नेता और मुख्यमंत्री से जवाब मांगा जाता है तो जवाब नहीं दिया जा रहा है। इस पर मौन न रखकर मुख्यमंत्री श्वेत पत्र जारी करें। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का संगठन एकजुट है, मगर भाजपा में विरोध के स्वर देखने को मिल रहे हैं। कांग्रेस की मजबूती के कारण आज भारतीय जनता पार्टी बैकफुट पर आ गई है।