नए BJP अध्यक्ष का 'काउंटडाउन' शुरू...जल्द होगी ताजपोशी

**मोदी -भागवत की मुलाकात के बाद बदले समीकरण
**कभी भी हो सकती है पांच राज्यों के नए अध्यक्षों की घोषणा
बीजेपी का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा? सवाल बड़ा है, और इस सवाल के जवाब का इंतज़ार भी काफी लम्बा हो गया है। माना जा रहा था की भाजपा को जनवरी में ही राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल जाएगा मगर अब अप्रैल आ गया है। कई राजनैतिक और सांगठिक कारणों के चलते ये विलम्भ हुआ लेकिन अब इंतज़ार की ये घड़ियां खत्म होने वाली है। संसद का बजट सत्र समाप्त होने के बाद अब चर्चा है कि बीजेपी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष में अब और देरी नहीं होगी। अप्रैल महीने में ही भाजपा को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल जाएगा।
गौरतलब है कि बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल करीब दो साल पहले ही समाप्त हो चुका है, लेकिन पार्टी ने उन्हें लगातार "कार्यकाल एक्सटेंशन योजना" के तहत बनाए रखा है। बीजेपी के इतिहास में यह पहली बार हो रहा है कि किसी अध्यक्ष का टर्म खत्म होने के बाद इतने लंबे समय तक उत्तराधिकारी तय नहीं किया गया — और वो भी ऐसे दौर में जब पार्टी हर चुनाव को "मिशन मोड" में लड़ रही है।
पार्टी का संविधान कहता है — आधे से ज़्यादा राज्यों में संगठनात्मक चुनाव होने चाहिए। फिलहाल, 13 राज्यों में संगठनात्मक चुनाव पूरे हो चुके हैं और बाकी 19 राज्यों के अध्यक्षों की घोषणा होते ही राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होना है। माना जा रहा है की आगामी एक सप्ताह के भीतर उत्तर प्रदेश, कर्नाटका, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और हिमाचल प्रदेश में भाजपा को नए अध्यक्ष मिल जायेंगे। इसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव का रास्ता भी साफ़ होगा।
ये तो बात हुई सांगठनिक प्रक्रिया की लेकिन सत्य तो ये है की बीजेपी में नए अध्यक्ष को लेकर पार्टी और आरएसएस के बीच खींचतान भी इस देरी का बड़ा कारण रही है । दरअसल भाजपा चाहती है कि नड्डा जैसे ही किसी वरिष्ठ नेता के हाथ में कमान सौंपी जाए। वहीं, आरएसएस चाहता है कि अगला अध्यक्ष संघ की विचारधारा से चलने वाला हो। इस बीच बीती 30 मार्च को 11 साल बाद नागपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और संघ प्रमुख मोहन भागवत की मुलाकात हुई है। माना जा रहा है कि दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के समीकरण भी बदल गए है। सूत्रों की माने तो संघ की रज़ा मुताबिक ही नए अध्यक्ष की ताजपोशी होगी। वहीँ अध्यक्ष के चयन में संघ, पीएम मोदी और अमित शाह के साथ-साथ केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की भी भूमिका अहम हो सकती है। 2009 से 2013 तक बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे नितिन गडकरी अभी भी संघ नेतृत्व की गुड बुक में बने हुए हैं और अध्यक्ष चुनने में वे भी अहम भूमिका में हो सकते है।
अब बरी उन नामों की जो अध्यक्ष पद की रेस में है। सबसे आगे चल रहे हैं—शिवराज सिंह चौहान। लंबे अनुभव, साफ छवि और संघ के साथ सहज समीकरण के चलते उन्हें "safe bet" माना जा रहा है। उनके बाद कतार में हैं धर्मेंद्र प्रधान और मनोहर लाल खट्टर — एक संगठन के जानकार, दुसरे प्रशासनिक अनुभव वाले। वहीं दूसरे पायदान पर कुछ नाम धीरे-धीरे सुर्खियों में चढ़ रहे हैं — सुनील बंसल, जी. किशन रेड्डी, बंडी संजय कुमार, डी. पुरंदेश्वरी और वानति श्रीनिवासन जैसे नेता, जिनका ज़िक्र "संघ की wishlist" में बार-बार हो रहा है।
बहरहाल सूत्रों की माने तो अब इन्तजार जल्द समाप्त होगा। आगमी चंद दिनों में चार से पांच राज्यों में बीजेपी को नए अध्यक्ष मिलेंगे। इसके बाद अप्रैल के दूसरे या तीसरे सप्ताह में नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की ताजपोशी भी हो जाएगी।