कर्नल की सियासी फायरिंग में ढेर हुए कई नेताओं के अरमान
प्रदेश को सीएम और डिप्टी सीएम मिल चुके थे और मंत्रिमंडल विस्तार से पहले कयास लग रहे थे कि उम्र की बाधा 82 वर्षीय कर्नल धनीराम शांडिल को मंत्री पद से दूर कर देगी। पर कर्नल का मिजाज ऐसा नहीं है कि आसानी से हार मान लें। अमूमन शांत रहकर मसलों को हल करने वाले कर्नल दिल्ली पहुंचे और अपने अंदाज में सियासी फायरिंग शुरू कर दी। दिलचस्प बात ये है कि दिल्ली से मंत्री पद पर नहीं बल्कि सीधे डिप्टी सीएम पद पर उनका दावा आ गया। कर्नल के समर्थकों ने खुलकर कहा कि पार्टी आलाकमान ने ठाकुर सीएम और ब्राह्मण डिप्टी सीएम तो बना दिए लेकिन उन्हें भरोसा है कि दलित समुदाय की भी उपेक्षा नहीं होगी। साथ में कर्नल शांडिल का पूर्व फौजी होना भी भुनाया गया और पार्टी के प्रति उन्ही वफादारी भी याद दिलाई गई। नतीजन, हालात बदले और पार्टी आलाकमान ने दिल्ली से कर्नल शांडिल के नाम पर मुहर लगा दी। 82 वर्षीय कर्नल अब सुक्खू कैबिनेट के सबसे उम्रदराज मंत्री बन चुके है। उनकी ताजपोशी के बाद एक बार फिर सोलन में उत्साह का आलम है। उधर कर्नल धनीराम शांडिल के मंत्री बनने से दून विधायक राम कुमार चौधरी और अर्की विधायक संजय अवस्थी को सीपीएस पद से संतोष करना पड़ा है। माना जा रहा है कि अगर शांडिल मान जाते तो विशेषकर राम कुमार चौधरी को मंत्री पद मिल सकता था, मगर ऐसा हुआ नहीं। विदित रहे कि कर्नल धनीराम शांडिल वीरभद्र सरकार में भी कैबिनेट मंत्री रहे थे।
जंग के मैदान से सियासत के मैदान में आएं
फौज से रिटायरमेंट के बाद राजनीति में आने वाले कर्नल शांडिल पंडित सुखराम की हिमाचल विकास कांग्रेस से 1999 में शिमला संसदीय क्षेत्र से सांसद चुने गए थे। इसके बाद कर्नल कांग्रेस में शामिल हो गए और 2004 में कांग्रेस टिकट से चुनाव लड़कर दूसरी बार सांसद बने। कर्नल दस जनपथ के करीबी रहे है और वे कांग्रेस वर्किंग कमिटी में शामिल होने वाले हिमाचल प्रदेश के पहले नेता रहे है। 2009 में कर्नल लोकसभा चुनाव हार गए लेकिन इसके बाद 2012 में वे प्रदेश की सियासत में आ गए। उन्होंने 2012 में सोलन सदर सीट से चुनाव लड़ा और पहली बार विधायक बने। इसके बाद उन्हें मंत्री पद भी मिला। 2017 में भी वे जीतने में कामयाब रहे और इस बार तीसरी दफा विधानसभा पहुंचे है। बहरहाल कर्नल धनीराम शांडिल अब मंत्री भी बन चुके है। वीरभद्र सरकार में मंत्री रहते हुए कर्नल ने सोलन विधानसभा क्षेत्र में साढ़े चार सौ करोड़ से अधिक के कार्य करवाएं थे और अब फिर उनके मंत्री बनने से उम्मीद है कि सोलन का विकास रफ्तार पकड़ेगा।