कर्नल शांडिल को बतौर सीएम प्रोजेक्ट कर रहे समर्थक
दो बार सांसद, दो बार विधायक, वीरभद्र सरकार में मंत्री रहे और कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य रहे कर्नल धनीराम शांडिल की गिनती उन चंद नेताओं में होती है जिनकी छवि पर कभी विरोधी भी सवाल नहीं उठा पाएं। अपनी ईमानदार छवि और सरल व्यक्तित्व के चलते बीते ढाई दशक में कर्नल ने हिमाचल प्रदेश की राजनीति में अपना एक ख़ास मुकाम बनाया है। कर्नल शांडिल उन नेताओं में से है जो बोलने में नहीं करने में यकीन रखते है। वीरभद्र सरकार में मंत्री रहते हुए कर्नल ने साढ़े चार सौ करोड़ से अधिक के कार्य सोलन में करवाएं थे। कर्नल धनीराम शांडिल एक बार फिर विधानसभा चुनाव के मैदान में है। सोलन सीट से वे लगातार दो चुनाव जीत चुके है और इस बार उनकी नज़र जीत की हैट्रिक पर है। सोलन सीट पर कांग्रेस लगातार तीन चुनाव हार चुकी थी, तब वर्ष 2012 में कर्नल ने यहाँ कांग्रेस की वापसी करवाई। इसके बाद उन्हें वीरभद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री का पद मिला। 2017 में भी कर्नल विजयी रहे। अब तीसरी बार वे सोलन से विधानसभा चुनाव लड़ रहे है। जानकार मानते है कि अगर शांडिल जीत दर्ज करते है और प्रदेश में भी कांग्रेस की सरकार बनती है तो उन्हें बेहद अहम जिम्मेदारी मिलना तय है। वहीँ उनके समर्थक उन्हें बतौर सीएम भी प्रोजेक्ट कर रहे है। कई जनसभाओं में उनके लिए नारेबाजी हो रही है। बहरहाल आठ दिसंबर को ये तय होगा कि कर्नल जीत की हैट्रिक लगा पाते है या नहीं, पर फिलहाल वे जोर शोर से प्रचार कर जनता के बीच जा रहे है। वे कांग्रेस मैनिफेस्टो कमेटी के चेयरमैन भी है सो जनता के बीच कांग्रेस के हर वादे पर अपनी बात रख रहे है। शांडिल का कहना है कि कांग्रेस घोषणा पत्र का हर वादा उनका वचन है, पार्टी पुरानी पेंशन भी बहाल करेगी और महिलाओं को सम्मान राशि भी मिलेगी।