गंभीर गाेविंद: ट्रांसफर पॉलिसी तैयार, साॅफ्टवेयर तैयार, काेराेना ने राेका रास्ता
प्रदेश की जयराम सरकार अपने तीन साल से अधिक के कार्यकाल के दाैरान चाहकर भी शिक्षकों के लिए ट्रांसफर पाॅलिसी लागू नहीं कर पाई। हालांकि शिक्षा विभाग ने पाॅलिसी मैटर समेत साॅफ्टवेयर तैयार कर दिया है, लेकिन न जाने यह पाॅलिसी कहां फंसी है? जयराम सरकार के अब तक के कार्यकाल में दाे शिक्षा मंत्री कार्यभार संभाल चुके है। पूर्व शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज के समय ही यह ट्रांसफर पाॅलिसी तैयार हाे रही थी, अब वर्तमान शिक्षा मंत्री गाेविंद सिंह ठाकुर भी इसे जल्द लागू करने की साेच रहे हैं। शिक्षा मंत्री का दावा हैं कि अब पाॅलिसी तैयार है, मगर काेराेना संकट के कारण लागू नहीं हाे सकी। ट्रांसफर पाॅलिसी पर फर्स्ट वर्डिक्ट मीडिया ने शिक्षा मंत्री गाेविंद सिंह ठाकुर से चर्चा की। पेश है इस विशेष चर्चा के कुछ अंश...
सवाल: प्रदेश की ट्रांसफर पाॅलिसी तैयार है, लागू हाेने में कितना समय लगेगा ?
शिक्षा मंत्री: राज्य के अध्यापकाें के लिए तैयार हाे चुकी ट्रांसफर पाॅलिसी लागू हाेने में थाेड़ा समय लग लगता हैं। काेराेना संकट के कारण यह पाॅलिसी लागू नहीं हाे सकी। एमआईसी यानी नेशनल इन्फाॅर्मेटिक सेंटर ने साॅफ्टवेयर काे लगभग तैयार कर दिया है। टीचर्स की सेवानिवृति मसला भी इसमें हाेगा। ट्रांसफर पाॅलिसी में अध्यापकाें की सेवानिवृति 31 मार्च फिक्स करने का प्रावधान किया जा रहा है। हम भी चाहते हैं कि जल्द से जल्द ट्रांसफर पाॅलिसी लागू हाे। उत्तराखंड और हरियाणा राज्य की तर्ज पर साॅफ्टवेयर तैयार किया गया। प्रदेश के शिक्षक संगठनाें ने इस मसले पर विरोध भी जताया था, लेकिन पाॅलिसी जल्द लागू की जाएगी। आने वाले दिनों में कैबिनेट से मंजूरी मिलने के तुरंत बाद ट्रांसफर पाॅलिसी लागू हाेगी।
सवाल: पाॅलिसी लागू हाेने के बाद टीचर्स के तबादले कैसे हाेंगे?
शिक्षा मंत्री: पाॅलिसी लागू होने के बाद शिक्षकों के तबादलों पर कागजी कार्य पूरी तरह से बंद हो जाएगा। यानी कि तबादले ऑनलाइन सॉफ्टवेयर के माध्यम से किए जाएंगे। शिक्षकों की ट्रांसफर पॉलिसी के लिए पूरा राेडमैप तैयार हो गया है। यह पॉलिसी लागू होने के बाद पांच साल बाद खुद पोर्टल शिक्षकों के नाम अपडेट कर देगा। पांच साल पूरे होने के बाद फिर शिक्षा विभाग स्टेशन देखकर शिक्षकों के तबादले करेगा। इसके साथ ही पॉलिसी ड्राफ्ट में यह भी लागू किया गया है कि तीन साल बाद कोई भी शिक्षक अपने नजदीकी किसी स्कूल में जाने के लिए अप्लाई कर सकते हैं। तैयार की जा रही ट्रांसफर पाॅलिसी में पीटीए, पैट और पैरा टीचर्ज काे शामिल करने या नहीं करने बारे में अभी कुछ नहीं कह सकते।
सवाल: क्या पाॅलिसी के दायरे में अनुबंध अध्यापक भी आएंगे या नहीं?
शिक्षा मंत्री: ट्रांसफर पाॅलिसी में अनुबंध पर सेवाएं दे रहे अध्यापकों काे भी बाहर रहा गया है। अनुबंध शिक्षक तीन साल की सेवाओं के बाद ही नीति में शामिल किये जाएंगे। पीटीए, पैट और पैरा टीचर्ज की संख्या 19 हजार के करीब हैं। 80 हजार से अधिक टीचर्ज ने एनआईसी काे बायोडाटा दे दिया है। इन शिक्षकों का नाम ऑनलाइन पोर्टल पर डाला जाएगा ताकि जब भी शिक्षक की ट्रासंफर पेंडिंग हो, तो ऑनलाइन जानकारी सरकार को भी आसानी से मिल जाएं। फिलहाल नई तबादला नीति के तहत कम नंबर लेने वाले शिक्षकों के प्रदेश के दुर्गम व जनजातीय क्षेत्रों में तबादले होंगे।
सवाल: शिक्षक के तबादले का रिकॉर्ड काैन रखेगा?
शिक्षा मंत्री: शिक्षकों की ट्रासंफर से पहले सर्विंस रिकोर्ड सॉफ्टवेयर बताएगा कि इससे पहले शिक्षकों ने कहां-कहां सेवाएं दी हैं। इसके अलावा शिक्षक से जुड़ा अन्य बायोडाटा भी सॉफ्टवेयर अपडेट करेगा। सरकार के आदेशों के बाद यह सॉफ्टवेयर तैयार हो गया है। शिक्षकों की ट्रांसफर पॉलिसी लागू होने से पहले प्रदेश सरकार शिक्षकों का पूरा रिकार्ड ऑनलाइन रखने के लिए सॉफ्टवेयर तैयार हाे चुका है। सरकार इस नीति को सख्ती से लागू करने की तैयारी में हैं। पॉलिसी लागू होने के बाद शिक्षकों के तबादलों पर कागजी कार्य पूरी तरह से बंद हो जाएगा। तबादले ऑनलाइन सॉफ्टवेयर के माध्यम से किए जाएंगे। काेराेना काल समाप्त हाेने के बाद सीएम जयराम ठाकुर से हर पहलु पर चर्चा कर पाॅलिसी काे लागू करेंगे।