भाजपा में डर, उपचुनाव होते तो 4-0 से सफाया होता : कुलदीप सिंह राठौर
हिमाचल प्रदेश में उपचुनाव टल गए है मगर सियासत ठंडी पड़ने के बजाए और गर्मा गई है। कांग्रेस नेता उपचुनाव टालने के लिए लगातार सरकार को ज़िम्मेदार ठहरा रहे है। कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा ने अपनी हार को भांप लिया है इसीलिए उपचुनाव की तिथि आगे बढ़ा दी गई है। हिमाचल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप राठौर ने कहा कि सरकार के जनविरोधी निर्णयों के खिलाफ कांग्रेस का रुख शुरू से आक्रामक रहा है और जनता में भी जयराम सरकार को लेकर रोष है। ऐसे में हार के डर से प्रदेश में उपचुनाव टाले गए हैं। अगर उपचुनाव होते तो भाजपा का 4-0 से सफाया होता। हार के बाद प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन की आवाज भी उठ सकती थी। मुख्यमंत्री को अपनी कुर्सी जाने का डर है। इन बातों को ध्यान में रखते हुए प्रदेश और केंद्र सरकार की सिफारिश पर चुनाव आयोग ने हिमाचल में उपचुनाव टाले हैं।
कुलदीप राठौर ने आरोप लगाया है कि जिस दाम पर अडानी और अंबानी से वर्ष 2011 में प्रदेश में सेब की खरीद की थी, आज भी उसी दाम पर खरीद कर बागवानों को लूटा जा रहा है। ये इस सरकार की विफलता को दर्शाता है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह भी अडानी और अंबानी की कंपनियों के पदाधिकारियों से बात करने से डर रहे हैं। एक मंत्री के कहने पर ईमानदार मुख्य सचिव को पद से हटा दिया गया। सरकार का नौकरशाही पर कोई नियंत्रण नहीं है। प्रदेश में नॉन परफॉरमिंग सरकार चल रही है। स्वास्थ्य सुविधाओं पर पैसे खर्चने के बजाय सरकार विज्ञापन और होर्डिंग्स पर करोड़ों फूंक रही है। प्रदेश सरकार से जनता रुष्ट है जिससे ये लोग भली भांति अवगत है।