केंद्र से मदद और मंशा पर सवाल, भाजपा बेजवाब !
केंद्र से मिली आपदा राहत का मुद्दा जिस आक्रमकता और रणनीति के साथ कांग्रेस ने उठाया भुनाया है वो हिमाचल भाजपा के लिए किसी आपदा से कम नहीं है। सर्वविदित है कि आपदा के दौर में केंद्र से हिमाचल को क्या और कितनी अतिरिक्त सहायता मिली है। इस पर न सिर्फ कांग्रेस ,बल्कि शांता कुमार जैसे दिग्गज भाजपाई नेता भी सवाल खड़े कर चुके है। रही सही खाट कांग्रेस की रणनीति ने खड़ी कर दी है। प्रियंका गाँधी की चिट्टी हो , कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में प्रस्ताव पास करना, राष्ट्रपति के भोजन में मौका मिलते ही सीएम का पीएम से गुहार लगाना या सांसद प्रतिभा सिंह का पीएम से आग्रह करना; पोलिटिकल फ्रंट पर कांग्रेस ने केंद्र की मदद और मंशा को कटघरे में खड़ा करने की पुरजोर कोशिश की है। विशेषकर जिन तथ्यों के साथ सीएम सुक्खू लगातार इस मुद्दे पर बोले है वो हिमाचल भाजपा को परेशानी में डालता रहा है। संभव है केंद्र सरकार बड़ा दिल दिखाए और हिमाचल को विशेष पैकेज भी दें, लेकिन सवाल ये है कि क्या अब राजनैतिक तौर पर भाजपा को इसका उतना लाभ होगा ? शायद नहीं। निसंदेह रणनैतिक तौर पर कांग्रेस एक नैरेटिव तैयार करने में कामयाब रही है और अब केंद्र कुछ देगा भी तो उसे कांग्रेस के दबाव का नतीजा ही माना जायेगा। वहीँ खुदा न खास्ता अगर केंद्र से कुछ विशेष नहीं मिलता है तो जाहिर है कांग्रेस आगे भी हिमाचल भाजपा को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ने वाली। यहाँ गौर करने वाली बात ये भी है कि हिमाचल भाजपा का कोई भी बड़ा नेता ये कहता नहीं दिख रहा की केंद्र से विशेष पैकेज मिलेगा।
विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन भी जैसा अपेक्षित था वैसा ही हुआ। कांग्रेस ने केंद्र से मिली मदद की बिसात पर भाजपा के तमाम विरोध और हंगामे पर पानी फेर दिया और मोर्चा संभाला खुद सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने। कांग्रेस विधायक दल की बैठक एक बाद सीएम का ब्यान आया और उसी से ये अंदाजा लग गया था कि सीएम सुक्खू खुद फ्रंट से लीड करेंगे।
विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन सीएम सुक्खू ने केंद्र से मिली मदद के मुद्दे पर भाजपा क चारे खानो चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। सीएम ने कहा सर्वविदित है कि आपदा के दौर में केंद्र से हिमाचल को क्या और कितनी अतिरिक्त सहायता मिली है, इसलिए भाजपा गुमराह न करे बल्कि तथ्यों के साथ जानकारी दें। जिस आक्रामक अंदाज में सीएम सुक्खू ने भाजपा को इस मुद्दे पर घेरा है निसंदेह भाजपा बैकफुट पर जरूर दिखी है। सीएम सुक्खू ने केंद्र के बहाने ही है नहीं सीधे तौर पर भी हिमाचल भाजपा के नेताओं पर वार किया। सुक्खू ने कहा जिनसे एक माह की सैलरी आपदा कोष में नहीं दी गई वो बड़ी बड़ी बातें कर रहे है। अब कल सैलरी देने की बात कही गई है, चलिए देर से आएं पर दुरुस्त आएं। इसी तर्ज पर केंद्र भी देर ही सही पर हिमाचल की मदद तो करें। सीएम सुक्खू ने कहा की भाजपा नेता क्रेडिट ले लें पर प्रदेश को कम से कम केंद्र से मदद तो मिले।
26 सितम्बर को आपदा राहत के लिए विशेष पैकेज लाने का एलान कर सीएम सुक्खू ने भाजपा को बड़ी आपदा में डाल दिया है। सीएम ने दो टूक कहा की केंद्र कुछ दें या न दें , हम राहत पैकेज लाएंगे। जाहिर सी बात ही कांग्रेस केंद्र और भाजपा के खिलाफ एक नैरेटिव तैयार करने की कोशिश में है और इसमें काफी हद तक कामयाब भी जरूर हुई है। बहरहाल इस बीच हिमाचल भाजपा ने 25 सितम्बर को विधानसभा घेराव करने का एलान किया है लेकिन सियासी मोर्चे पर खुद भाजपाही घिरी दिख रही है। केंद्र से मदद की दरकार हिमाचल प्रदेश को तो है ही हिमाचल भाजपा के लिए भी ये मदद अब अनिवार्य बनती दिखी रही है।