कहां तो सीएम हमीरपुर से होने थे, जयराम टीम में मंत्री पद तक नहीं मिला
2017 के विधानसभा चुनाव में भले ही भाजपा ने सत्ता पर कब्जा कर लिया, मगर सत्ता की चाबी हमीरपुर से छिन गई, इसका दुख कई भाजपाईयाें काे अब तक भी है। पूर्व मुखमंत्री एयर पार्टी के सीएम फेस प्रेम कुमार धूमल भी हारेंगे ऐसा किसी ने भी साेचा नहीं था, लेकिन वाेटर्स ने कर दिखाया। यही नहीं, बल्कि पांच में से भाजपा काे मात्र दाे ही सीटाें से संतुष्ट हाेना पड़ा। धूमल हारे ताे मंडी की किस्मत चमक गई और सीएम का सिंहासन जयराम ठाकुर काे मिल गया। 2017 के विधानसभा चुनाव में जिला हमीरपुर की सुजानपुर सीट से कांग्रेस के राजेंद्र राणा बनाम प्रेम कुमार का चुनावी घमासान संभवतः प्रदेश के सियासी इतिहास का सबसे रोचक मुकाबला है। यानी यहां राजेंद्र राणा हीराे बन गए और वहां जयराम ठाकुर राज्य के मुखिया। तब धूमल की सीट बदलकर उन्हें सुजानपुर से क्यों मैदान में उतारा गया, इसे लेकर अब भी तरह -तरह की बातें होती है। उधर 2017 के चुनावी नतीजे पर गाैर करते हुए भाजपा और कांग्रेस दाेनाें ने भीतरखाते अभी से ही रणनीति तैयार कर दी है। ऐसे में देखना है कि 2022 के चुनाव में हमीरपुर और खासतौर से सुजानपुर की सियासत में कौन चमकता है। वर्तमान सरकार में जिला हमीरपुर से काेई मंत्री नहीं है। यहां से सिर्फ पूर्व विधायक विजय अग्निहाेत्री काे हिमाचल परिवहन निगम में उपाध्यक्ष की कुर्सी साैंपी गई है। पूर्व मंत्री स्व.आईडी धीमान के गृह क्षेत्र से पिछली बार उपचुनाव में उनके बेटे डा.अनिल धीमान काे जीत मिली थी ताे 2017 के चुनाव में यहां कमलेश कुमारी काे मैदान में उतारा गया और वह जीत भी गई। वहीं हमीरपुर सीट से नरेंद्र ठाकुर भाजपा के विधायक हैं।
कभी दो महिला नेताओं की होती थी चर्चा, अब दोनों गायब
जिला हमीरपुर से दाे दिग्गज महिला नेताओं का सियासी वजन बीते कुछ समय में हल्का हुआ है। महिला कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिता वर्मा और पूर्व विधायक उर्मिल ठाकुर प्रदेश की सक्रीय राजनीति से गायब हाेती नजर आ रही हैं। एक समय था जब हमीरपुर शहर में अनिता वर्मा और उर्मिल ठाकुर के आमने -सामने वाले मकान में कमल और हाथ चुनाव चिन्ह वाले झंडे दिखाई देते थे। दोनों के बीच जबरदस्त घमासान देखने को मिलता था, मगर इन दिनों ऐसा कुछ नहीं हैं।
एक सुक्खू, जिन्हें कभी नहीं मिला सत्ता का सुख
कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखविंद्र सिंह सुक्खू की किस्मत में कभी भी सत्ता का सुख नहीं रहा। पिछली सरकार में पीसीसी चीफ की कमान संभाले हुए थे, 2017 के चुनाव में कांग्रेस सत्ता से बाहर हुई और सुक्खू जीत गए। ऐसा ही 2007 के चुनाव में हुआ। उस समय भी उन्हें विपक्ष में ही रहना पड़ा। पिछली बार पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और सुक्खू में तकरार आम बात रही। मीडिया में भी एक-दूसरे के खिलाफ दोनों की बयानबाजी सुर्ख़ियों में रही।
ये हैं हमीरपुर जिले से माननीय
-सुखविंद्र सिंह सुक्खू - नादाैन से कांग्रेस विधायक
-इंद्रदत्त लखनपाल -बड़सर से कांग्रेस विधायक
-राजेंद्र राणा -सुजानपुर से कांग्रेस विधायक
-नरेंद्र ठाकुर -हमीरपुर से भाजपा विधायक
-कमलेश कुमारी -भाेरंज से भाजपा विधायक