विरासत की सियासत को संभालते नेता पुत्र, अपने बच्चाें काे टिकट दिलाने में गुरेज नहीं करते नेता
हिमाचल की राजनीति में युवा नेताओं ने विरासत संभालने में काेई कमी नहीं छाेड़ी है। चाहे वीरभद्र परिवार हाे, धूमल परिवार या अन्य कई नेता, राजनीतिक विरासत संभालने के लिए उनकी अगली पीढ़ी तैयार है। वरिष्ठ नेता रिटायर हाेने पर सियासी चाबी अपनी अगली पीढ़ी को साैंप कर अपने परिवार का भविष्य सुरक्षित कर देते है। वीरभद्र परिवार की बात करें ताे अभी पिता -पुत्र दाेनाें सियासी फिल्ड में हैं, लेकिन अगले बार हाेने वाले चुनाव में ऐसा संभव कम ही है। वीरभद्र सिंह की बढ़ती उम्र और खराब सेहत उन्हें सक्रीय राजनीति से दूर कर सकती है, हालांकि जब बात वीरभद्र सिंह की हो तो कुछ भी मुमकिन है। इसी तरह से धूमल परिवार में भी ऐसी ही स्थिति दिखाई दे रही है। पिछली बार यानी 2017 के विधानसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार पराजित हुए जिसके बाद धूमल परिवार की सियासी धाक कुछ कम हुई। मगर सांसद अनुराग सिंह ठाकुर ने विरासत की सियासत काे ज़िंदा भी रखा और सियासी रसूख भी बढ़ाया । 2019 के आम चुनाव के बाद अनुराग केंद्रीय मंत्री हो चुके है। अन्य नेताओं की बात करें तो हिमाचल प्रदेश विधानसभा के पूर्व स्पीकर बीबीएल बुटेल पिछले चुनाव से ही रिटायर हो गए और उनके बेटे आशीष बुटेल ने पूरा माेर्चा संभाल लिया। पूर्व सांसद चंद्र कुमार के बेटे एवं पूर्व सीपीएस नीरज भारती भी 2012 में विधायक बने, हालांकि उन्हें 2017 में हार मिली। सुधीर शर्मा, अनिल शर्मा, गाेविंद सिंह ठाकुर, जगत सिंह नेगी, अजय महाजन, समेत कुछ ऐसे नेता हैं जाे सक्रीय राजनीति कर रहे हैं और अपने बुजुर्गों की राजनैतिक विरासत को संभाले हुए है।
विधानसभा में पहली बार पिता -पुत्र की जाेड़ी
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के इतिहास में पहली बार पिता -पुत्र की जाेड़ी देखने काे मिली। 2017 के चुनाव में कांग्रेस से पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और उनके बेटे विक्रमादित्य सिंह दाेनाें चुनाव जीते और विधानसभा में एक साथ दिखे । यह पहला माैका है कि जब हिमाचल विधानसभा सदन में पिता और पुत्र की जाेड़ी देखि गई । वहीं अब पूर्व मंत्री जीएस बाली भी उनके बेटे रघुवीर सिंह बाली काे अपने साथ सदन में देखना चाहते हैं।
अब बेटियां भी पीछे नहीं
परिवार की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने में बेटियां भी पीछे नहीं है। मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर की बेटी वंदना गुलेरिया और पूर्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर की बेटी चंपा ठाकुर भी सक्रीय राजनीति में है और वर्तमान में दोनों जिला परिषद सदस्य है। चंपा ठाकुर तो 2017 में मंडी सदर सीट से विधानसभा चुनाव भी लड़ चुकी है। इनके अतिरिक्त कई अन्य नेताओं की बेटियां भी सक्रीय दिखती रही है।
इनके हाथाें में है विरासत
वीरभद्र सिंह- विक्रमादित्य सिंह
प्रेम कुमार धूमल- अनुराग ठाकुर
पंडित सुखराम- अनिल शर्मा और आश्रय शर्मा
सत महाजन- अजय महाजन
पंडित संतलाल- सुधीर शर्मा
जीएस बाली- रघुवीर बाली
चंद्र कुमार- नीरज भारती
कर्ण सिंह- आदित्य विक्रम सिंह
कुंजलाल ठाकुर- गाेविंद सिंह ठाकुर
बीबीएल बुटेल- आशीष बुटेल
ज्ञान सिंह नेगी- जगत सिंह नेगी
जगतराम ठाकुर- नरेंद्र ठाकुर
आईडी धीमान- डा. अनिल धीमान
मिल्खी राम गाेमा- यादवेंद्र गाेमा
रामलाल ठाकुर- राेहित ठाकुर