थप्पड़ कांड से गरमाई कांगड़ा की राजनीति
पूर्व सीपीएस एवं सुलह के पूर्व विधायक जगजीवन पाल को थप्पड़ मारने की घटना से कांगड़ा में सियासी पारा चढ़ा हुआ है। इस निंदनीय घटना के बाद कांग्रेस आक्रामक है और भाजपा को इसके लिए ज़िम्मेदार ठहरा रही है। जबकि भाजपा ने सीधे तौर पर आरोप को खारिज कर दिया है। बीते दिनों इस मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था जिसमें भवारना ब्लॉक की पंचायत रड़ा पंचायत में कुछ लोग पूर्व विधायक से हाथापाई कर रहे हैं तो एक युवक ने पीछे से पूर्व विधायक जगजीवन पाल को थप्पड़ मारा। इसके बाद कांग्रेस ने इस घटना का आरोप भाजपा पर मढ़ा। वहीँ पूर्व विधायक जगजीवन पाल ने विधानसभा अध्यक्ष एवं सुलह के विधायक विपिन सिंह परमार को इसके लिए ज़िम्मेदार ठहरा दिया।
दरअसल रड़ा पंचायत में विस अध्यक्ष विपिन परमार ने बीत दिनों एक पंचायत भवन का शिलान्यास किया। इस भवन के लिए एक व्यक्ति ने अपनी जमीन दान दी थी। पर पंचायत प्रतिनिधियों समेत पूर्व विधायक जगजीवन पाल ने इसका विरोध किया था। उनका कहना था कि जब पंचायत के पास अपनी जमीन है तो दूसरी जगह पर इसका शिलान्यास करने का क्या औचित्य है। सो पूर्व विधायक जगजीवन पाल धरने पर बैठ गए थे। तभी कुछ लोगों ने हाथापाई भी की और एक व्यक्ति ने पीछे से उन्हें थप्पड़ भी मारा। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया तो सियासी तापमान तो बढ़ना ही था।
कांग्रेस की तरफ से इस घटना को गुंडागर्दी करार देकर सरकार और कानून व्यवस्था पर सवाल उठाये गए है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर, नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री, विक्रमादित्य सिंह, सुधीर शर्मा सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने इस घटना पर सरकार को घेरा है। पार्टी ने जगजीवन पाल के समर्थन में जन आक्रोश रैली का भी आयोजन किया। आक्रोश रैली में प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप राठौर, नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री, पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा,यादविंद्र गोमा, किशोरी लाल, पवन काजल, चंद्र कुमार, जगदीश सिपहिया, केवल सिंह पठानिया, अरुण राणा, अजय महाजन, सीताराम सैनी, दीपक शर्मा, संजय रत्न, गोकुल बुटेल, भवानी पठानिया, सुरेंद्र मनकोटिया सहित कई नेता मौजूद रहे।
मेरा नाम जोड़कर सस्ती लोकप्रियता हासिल करने की मंशा : परमार
विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने पूर्व विधायक जगजीवन पाल के साथ धक्कामुक्की और मारपीट की घटना की निंदा करते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। उन्होंने कहा कि एक गांव के लोगों के आपसी विवाद में पूर्व विधायक का शामिल होना और यहां हुई लड़ाई में उनके नाम और भाजपा को शामिल करना इससे भी अधिक दुर्भाग्यपूर्ण है। विपिन सिंह परमार ने कहा कि सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए पूर्व विधायक इस घटना से उनका नाम जोड़ कर सुर्खियों में आना चाह रहे हैं। पर घटना से उनका और भाजपा का कोई लेना देना नहीं है। परमार ने कहा कि जगजीवन पाल के विरोध करने के तरीके को कभी जायज नहीं ठहराया जा सकता।
विपिन परमार की शह पर हुआ हमला : जगजीवन पाल
पूर्व विधायक जगजीवन पाल ने धक्का मुक्की और मारपीट की घटना के बाद पत्रकार वार्ता कर आरोप लगाया कि विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार की शह पर ही उन पर हमला किया है। उन्होंने कहा कि विपिन परमार ने घटनास्थल पर पूरे गुंडे इकट्ठा किए हुए थे। रड़ा पंचायत में बिना प्रधान और पंचों को सूचना दिए मनमर्जी से किसी अनुचित स्थान पर शिलान्यास कर दिया था। इसके विरोध में पंचायत प्रतिनिधि 200 के करीब लोगों के साथ इस मनमर्जी के खिलाफ लोकतांत्रिक तरीके से रोष जताने के लिए इकट्ठा हुए थे। उस दौरान जिला परिषद सदस्य संतोष कुमारी को घसीटा और उनके लड़के को भी मारा गया। जगजीवन पाल ने कहा कि "हमने सोचा कि विधानसभा अध्यक्ष बड़े सम्मानित पद पर बैठे हुए हैं। वह हमारी बात सुनने के लिए हमारे पास आएंगे। लेकिन हमारे पास आने के बजाय वह दूसरे ही रास्ते से निकल गए। उनके गुंडे वहां हॉकियां लेकर घूम रहे थे। "