मिशन रिपीट : जयराम ही फेस, संगठन ने लगाई मुहर
शिमला में तीन दिन चले भाजपा के चिंतन और मंथन के बाद औपचारिक तौर पर ऐलान हो गया है कि पार्टी जयराम ठाकुर के चेहरे पर ही 2022 का चुनाव लड़ेगी। न सरकार का चेहरा बदलेगा और न ही संगठन का। अब तस्वीर साफ हाे चुकी है कि जयराम ठाकुर ही भाजपा की तरफ से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे और इसी के साथ नेतृत्व परिवर्तन के तमाम कयासों पर औपचारिक तौर पर विराम लगा दिया गया है। यूं तो बीते दिनों शिमला के लौटते ही मुख्यमंत्री ने दो टूक कह दिया था की वे है और रहेंगे, अब उनके इसी दावे पर तीन दिवसीय बैठक के बाद पार्टी ने भी मुहर लगा दी है।
दरअसल, हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव में करीब डेढ़ साल का वक्त रह गया है। इसे देखते हुए भाजपा ने बीते दिनों शिमला में लगातार 3 दिनों तक बैठक की। सरकार, कोर कमेटी और संगठन के मध्य हुए गहन मंथन के बाद ये तय हो गया है कि आगामी चुनाव में सीएम जयराम ठाकुर ही भाजपा के फेस होंगे। राज्य अतिथि गृह यानी होटल पीटरहॉफ में कोर कमेटी, कार्य योजना सहित हर मोर्चे ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पर अगली बार के लिए भी भरोसा जताया। इस दौरान विधायकों, 2017 के चुनावी मैदान में उतरे प्रत्याशियों, बोर्ड और निगम के नुमाइंदों, और संगठन पदाधिकारियों ने पार्टी को मजबूत करने और मिशन रिपीट को साकार करने के लिए इनपुट दिया।
तीन दिवसीय इस चिंतन -मंथन में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सहित 2017 के सभी प्रत्याशी एवं विधायकों ने अपना रिपोर्ट कार्ड संगठन को सौंपा है और उसमें अपनी 3 वर्ष की उपलब्धियों एवं विकास कार्यों का वर्णन किया है। साथ ही सभी ने अपने विधानसभा क्षेत्र की कमियां भी सरकार के समक्ष रखी हैं, ताकि उन्हें दूर कर मिशन रिपीट को मजबूती दी जा सके। बहरहाल, अगले साल चुनाव तक सरकार और संगठन में कोई बदलाव नहीं हाेगा। जयराम ठाकुर के फेस पर ही पार्टी मैदान में उतरेंगी।
फिलहाल उपचुनाव में 'लोटस' खिलाने पर 'फोकस'
अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा को तीन उपचुनावों के इम्तिहान से गुजरना होगा। 17 विधानसभा क्षेत्रों वाले मंडी संसदीय क्षेत्र के साथ जुब्बल-कोटखाई तथा फतेहपुर विधानसभा में उपचुनाव होना है। यानी अप्रत्यक्ष तौर पर 19 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान होगा। इस परीक्षा के लिए भाजपा ने मंत्री, विधायकों सहित पदाधिकारियों के दायित्व निर्धारित कर मोर्चा संभाल लिया है। मंडी संसदीय क्षेत्र का दारोमदार जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर के पास रहेगा। जबकि फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र में उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह और जुब्बल-कोटखाई विधानसभा उपचुनाव के लिए शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज काे प्रभार सौंपा गया है। महेंद्र सिंह ठाकुर काे चुनाव प्रभारी नियुक्त किए जाने के बाद यह लगभग साफ है कि उन्हें मंडी लोकसभा सीट से उपचुनाव के लिए मैदान में नहीं उतारा जाएगा।
धूमल हुए शामिल, शांता को स्वास्थ्य ने रखा दूर
शिमला में संपन्न हुई बैठकों में पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल भी मौजूद रहे। धूमल पर सबकी निगाहें टिकी थी। 2017 का चुनाव हारने के बावजूद धूमल संगठन की हरेक गतिविधि में सक्रियता से भाग लेते रहे है। चाहे 2019 का लोकसभा चुनाव हो या फिर पंचायती राज चुनाव, धूमल ने हमेशा उपस्थिति दर्ज करवाई है। दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार चिंतन बैठक में शामिल नहीं हाे सके। इसके पीछे उनका स्वास्थ्य ठीक न हाेना बताया जा रहा है। उधर, भाजपा ने संगठनात्मक ज़िलाें में मंत्रियाें काे प्रभारी नियुक्त किया है।
जयराम ठाकुर का राजनीतिक सफर
1986 में एबीवीपी की प्रदेश इकाई में संयुक्त सचिव बने
1993 के विधानसभा चुनाव में पहली बार चच्चोट हलके से मैदान में उतरे और कांग्रेस
दिग्गज मोतीराम ठाकुर को टक्कर दी लेकिन चुनाव हार गए।1989 से 93 तक एबीवीपीली की जम्मू- कश्मीर इकाई में संगठन सचिव रहे।
1993 से 95 तक भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश सचिव व प्रदेश अध्यक्ष भी रहे।
1998 में फिर इसी हलके से मैदान में उतरे और विधायक चुने गए और खाद्य एवं आपूर्ति निगम के उपाध्यक्ष बने।
2003 के चुनाव में दूसरी बार जीत हासिल की।
2000 से 2003 तक वह मंडी जिला भाजपा अध्यक्ष रहे।
2004 से 2005 तक भारतीय जनता पाटी के प्रदेश उपाध्यक्ष रहे।
2006 में प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष बने।
2007 में बतौर अध्यक्ष पाटी को सत्ता दिलाई
2007 जीत की हैट्रिक बनाई और सरकार में मंत्री बने।
2012 में पुर्नसीमांकन के बाद चव्योट हलके का नाम बदल कर सराज यहां से चौथी बार विधायक चुने गए।
2017 में कांग्रेस के चैत राम को 11254 से पराजित किया। इसके बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।