उपचुनाव में भाजपा की कमजोर कड़ी था कुल्लू, मंत्री गोविन्द पर रहेगा दबाव
कुल्लू में आप के शक्ति प्रदर्शन ने भाजपा और मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर की नींद जरूर उड़ा दी होगी। जिस तरह का जनसैलाब आप की तिरंगा यात्रा में दिखा अगर वो वोटों में तब्दील हो पाया तो भाजपा की मुश्किलें बढ़ सकती है। दरअसल जिला की चार विधानसभा सीटों में से तीन पर भाजपा का कब्जा है और मनाली विधायक गोविन्द सिंह ठाकुर वर्तमान में मंत्री भी है। जबकि कुल्लू सदर सीट पर कांग्रेस का कब्जा है। पिछले साढ़े चार सालों में कैबिनेट मंत्री होने के बावजूद कुल्लू में भाजपा कुछ ख़ास कमाल नहीं कर पाई है। मंडी संसदीय उपचुनाव में भाजपा की हार का प्रमुख कारण भी जिला कुल्लू में पार्टी का लचर प्रदर्शन था। तब चारों विधानसभा सीटों पर कांग्रेस को बढ़त मिली और ये ही भाजपा की हार का कारण बना। नतीजों की कसौटी पर मंत्री गोविन्द फेल हो गए। ये ही कारण है कि उपचुनाव नतीजों के बाद जब मंत्रिमंडल फेरबदल के कयास लग रहे थे तब गोविन्द सिंह ठाकुर का मंत्रिमंडल से पत्ता काटने की चर्चा जोरों पर थी। हालांकि तब फेरबदल नहीं हुआ। इससे पहले शहरी निकाय चुनाव में भी भाजपा का प्रदर्शन ठीक ठाक ही था। तब कुल्लू नगर परिषद पर कांग्रेस कब्जा करने में कामयाब रही थी।
सीएम जयराम ठाकुर बेशक मिशन रिपीट का दावा कर रहे हो लेकिन अकेले जयराम ऐसा नहीं कर सकते। विशेषकर उनके कैबिनेट मंत्रियों को भी अपना जादू और ताकत साबित करनी होगी। जिन मंत्रियों पर इस वक्त सबसे ज्यादा दबाव है उनमें से एक गोविन्द ठाकुर भी है। दरअसल जिला कुल्लू में दशकों तक महेश्वर सिंह भाजपा का मुख्य चेहरा है और खुद को साबित भी करते रहे। पर महेश्वर की भाजपा से दुरी बढ़ी तो पार्टी की कृपा गोविन्द सिंह ठाकुर पर बरसी। उनके पिता की सियासी विरासत ने भी उनकी राह आसान की। अब गोविन्द को खुद को साबित करना होगा।