मंडी तो जयराम की ही रही
बेशक जयराम ठाकुर रिवाज न बदल सके हो लेकिन मंडी तो जयराम ठाकुर की ही रही है। जिला मंडी की 9 सीटों पर भाजपा का कब्जा दिखाता है कि मंडी वालों ने जयराम ठाकुर के नाम पर वोट दिया है। सिर्फ धर्मपुर को छोड़कर हर सीट भाजपा की झोली में गई है। जो दम खुद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपने जिला में दिखाया अगर ऐसा ही मंत्री भी कर पाते तो सम्भवतः रिवाज भी बदल जाता। बहरहाल जयराम ठाकुर ने साबित कर दिखाया कि मंडी उन्हीं की है।
2017 के विधानसभा चुनाव में जिला मंडी की 9 सीटें भाजपा की झोली में गई थी, जबकि एक सीट जोगिन्दरनगर पर निर्दलीय विधायक प्रकाश राणा जीते थे। राणा पांच साल भाजपा के एसोसिएट विधायक रहे और चुनाव से कुछ वक्त पहले भाजपा में आ गए। इस तरह सभी दस सीटें भाजपा की ही रही थी। वहीं इस बार भी भाजपा ने नौ सीटें जीतकर साबित कर दिया कि मंडी में पार्टी का वर्चस्व कायम है।
2017 के बाद से अगर जिला मंडी में भाजपा के प्रदर्शन पर निगाह डाले तो हर मौके पर पार्टी हावी रही है। पंचायती राज और स्थानीय निकाय चुनाव के बाद पार्टी ने मंडी नगर निगम चुनाव में एकतरफा जीत हासिल की। इसके बाद पिछले वर्ष के अंत में हुए मंडी संसदीय उपचुनाव के नतीजे पर अगर निगाह डाले तो संसदीय क्षेत्र के तहत आने वाली जिला की नौ में से आठ सीटों पर भाजपा को लीड मिली थी। तब अन्य क्षेत्रों से मिली जीत ही प्रतिभा सिंह की जीत का कारण बनी। यानी 2017 से कांग्रेस लगातार जिला मंडी में हारती आ रही है।
इस बार के चुनाव की अगर बात करें तो मंडी में वरिष्ठ कांग्रेस नेता ठाकुर कौल सिंह ने खुद को एक किस्म से मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट कर चुनाव लड़ा। शायद वे मान कर चल रहे थे कि वे तो चुनाव जीत ही रहे है, उनके नाम पर बाकी सीटों पर भी कांग्रेस को फायदा होगा। पर नतीजों ने वहम तोड़ दिया है। खुद कौल सिंह चुनाव हार गए। उनकी पुत्री चंपा ठाकुर भी चुनाव हारी। कांग्रेस से हारने वाले बड़े नेताओं में जिला अध्यक्ष और पूर्व मंत्री प्रकाश चौधरी और पूर्व सीपीएस सोहन लाल भी शामिल है। मंडी में ओपीएस का मुद्दा भी हावी था, पर मंडी वालों में मतदान करते वक्त जयराम ठाकुर के चेहरे को सबसे ज्यादा तवज्जो दी।
ये रहे परिणाम :
सराज : रिकॉर्ड अंतर से जीते जयराम
सराज में खुद सीटिंग सीएम जयराम ठाकुर मैदान में थे और उनकी जीत को लेकर किसी के मन में कोई संशय नहीं था। जयराम कितने अंतर से जीतेंगे, इसी पर सबकी निगाहें टिकी थी। जयराम ठाकुर ने रिकॉर्ड 38183 वोट के अंतर से जीत दर्ज की।
मंडी सदर : यहाँ पंडित सुखराम परिवार अपराजित
मंडी सदर सीट पर पंडित सुखराम के परिवार का कब्जा बरकरार रहा। एक बार फिर इस सीट पर भाजपा प्रत्याशी अनिल शर्मा ने जीत दर्ज की है। उनका मुकाबला ठाकुर कौल सिंह की बेटी चंपा ठाकुर से था लेकिन अनिल शर्मा दस हज़ार से भी ज्यादा मार्जन से जीते। इस सीट पर पंडित सुखराम का परिवार अपराजित है।
सुंदरनगर : बगावत भी नहीं रोक पाई जम्वाल को
इस सीट पर भाजपा के प्रदेश महामंत्री राकेश जम्वाल ने लगातार दूसरी जीत दर्ज की। भाजपा के बागी प्रत्याशी अभिषेक ठाकुर के मैदान में होने के बावजूद जम्वाल आठ हज़ार से ज्यादा अंतर से जीते। यहाँ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सोहनलाल को हार का सामना करना पड़ा।
द्रंग : मुख्यमंत्री बनना चाहते थे, विधायक भी नहीं बन पाएं
द्रंग से ठाकुर कौल सिंह की हार ने बता दिया कि जिला मंडी में कांग्रेस किस कदर कमजोर है। कौल सिंह वरिष्ठता और अनुभव का राग अलापते हुए सीएम पद पर दावेदारी जताते रह गए और जनता ने उन्हें लगातार दूसरी बार विधानसभा भी नहीं पहुंचने दिया। उन्हें भाजपा के पूर्ण चंद ठाकुर ने 618 वोट से पराजित किया।
बल्ह : चौधरी की लगातार दूसरी हार
बल्ह से पूर्व मंत्री और कांग्रेस के जिला अध्यक्ष प्रकाश चौधरी लगातार दूसरी बार हारे। इस बार भी उन्हें भाजपा के इन्द्र सिंह ने हराया। चौधरी 1307 वोट से हार गए।
जोगिन्दर नगर : फिर जीत गए राणा
पिछली बार निर्दलीय चुनाव जीते प्रकाश राणा इस बार यहाँ से भाजपा टिकट पर चुनाव लड़े और 4339 वोट से जीते।
यहाँ माना जा रहा था कि ठाकुर गुलाब सिंह को टिकट न देने के चलते दिख रहे रोष का खमियाजा भाजपा को भुगतना पड़ सकता है, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। कांग्रेस ने यहाँ से सुरेंद्र पाल को टिकट दिया था।
सरकाघाट : कमल खिलने से नहीं रोक पाएं पवन
जानकार मान रहे थे कि इस बार सरकाघाट सीट पर कांग्रेस वापसी कर सकती है। पार्टी प्रत्याशी पवन कुमार ने दमखम से चुनाव भी लड़ा था लेकिन वे 1807 वोट से हार गए। यहाँ भाजपा ने नए चेहरे दिलीप ठाकुर को मैदान में उतारा था।
करसोग : दस हजार से अधिक अंतर से जीते दीप राज
इस सीट से भाजपा ने सीटिंग विधायक हीरालाल का टिकट काटकर दीप राज को मैदान में उतारा था। उधर, कांग्रेस ने दिग्गज नेता मनसा राम के पुत्र महेश राज पर दांव खेला। यहाँ दीप राज ने दस हज़ार से ज्यादा अंतर से शानदार जीत दर्ज की।
नाचन : संसदीय उपचुनाव का नतीजा नहीं दोहरा पाई कांग्रेस
मंडी संसदीय उपचुनाव में नाचन जिला मंडी का इकलौता ऐसा निर्वाचन क्षेत्र था जहाँ कांग्रेस को लीड मिली थी। बावजूद इसके भाजपा ने सीटिंग विधायक विनोद कुमार पर भरोसा जताया और वे भरोसे पर खरा भी उतरे। विनोद ने 8956 वोट से कांग्रेस के नरेश कुमार को हराया।
धर्मपुर : सिर्फ यहाँ ही जीती कांग्रेस
इस सीट पर 1990 से लगातार महेंद्र सिंह ही जीते, चाहे पार्टी कोई भी हो। यहाँ आखिरी बार 1993 में कांग्रेस जीती थी और तब महेंद्र सिंह ही पार्टी प्रत्याशी थे। इस बार यहाँ भाजपा ने महेंद्र सिंह की जगह उनके बेटे रजत ठाकुर को मैदान में उतारा ,लेकिन रजत कांग्रेस के चंद्रशेखर से 3026 वोट के अंतर से हार गए।
बदलाव और बगावत के बावजूद जीती भाजपा
भाजपा ने जिला मंडी में चार सीटिंग विधायकों को इस बार टिकट नहीं दिया। बदलाव के बावजूद तीन जीतने में कामयाब रहे। सिर्फ महेंद्र सिंह की सीट धर्मपुर में भाजपा हारी। वहीं मंडी सदर और सुंदरनगर सीट पर भाजपा बगावत के बावजूद जीत दर्ज करने में कामयाब रही।