टिकट की रस्साकशी में टेढ़ा दिख रहा नाचन का सियासी आंग
फर्स्ट वर्डिक्ट. मंडी
विधानसभा चुनाव का काउंटडाउन शुरू हो चुका है और अमूमन हर क्षेत्र में विभिन्न राजनैतिक दलों से टिकट के चाहवान प्रो एक्टिव है। जिला मंडी का नाचन हलका भी इससे इतर नहीं है। टिकट की रस्साकशी के बीच नाचन का सियासी आंगन भी फिलवक्त टेढ़ा दिख रहा है। यहाँ जीत की हैट्रिक लगा चुकी भाजपा के सामने जहाँ सीट बचाने की चुनौती है तो कांग्रेस पर बेहतर करने का दबाव। मौजूदा विधायक विनोद कुमार लगातार दो जीत दर्ज कर चुके है और इस बार भी टिकट के प्रबल दावेदार है। किन्तु मंडी लोकसभा उपचुनाव में नाचन से कांग्रेस को मिली लीड उनकी राह का काँटा बन सकती है। लोकसभा सीट के तहत आने वाली जिला की नौ सीटों में से सिर्फ नाचन ही ऐसी सीट थी जहाँ भाजपा पिछड़ी। डॉ ललित चंद्रकांत भी भाजपा टिकट के प्रबल दावेदार है। डॉ चंद्रकांत आईजीएमसी में सहायक प्रोफेसर हैं और सक्रिय राजनीति में उतरने के लिए उन्होंने सरकार से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति मांगी है। वह लम्बे वक्त से संघ से जुड़े हुए हैं। डॉ चंद्रकांत के अलावा कमलकांत भी टिकट की रेस में शामिल है। नाचन हलका अप्पर व लोअर नाचन में बंटा है। विनोद कुमार मूलतः अप्पर नाचन से संबंध रखते हैं। ऐसे में लोअर नाचन के विकास कार्यो की अनदेखी के आरोप उन पर लगते है। 2012 में पहली बार विधायक बने विनोद कुमार ने क्षेत्र में अपनी अच्छी पैठ बनाई थी। 2017 के विधानसभा चुनाव में वह करीब 17 हजार मत से विजयी हुए थे। ऐसे में उनका दावा इस बार भी मजबूत होने वाला है।
कांग्रेस की बात करें तो यहां एक अनार सौ बीमार वाली स्थिति है। पूर्व प्रत्याशी लाल सिंह कौशल के अलावा टिकट की दौड़ में बीडी चौहान, दामोदर चौहान, शिवानी चौहान, नरेश चौहान, जसबीर, संजू डोगरा, प्रेम लाल गुड्डू व सीएल चौहान भी शामिल हैं। सभी लोगों ने क्षेत्र में जनसंपर्क अभियान छेड़ रखा है। टिकट को लेकर अपने आकाओं के यहां हाथ पैर पार रहे हैं। सभी ने अलग-अलग नेताओं की डोर पकड़ रखी है। पर लोकसभा उपचुनाव की तरह अगर सभी नेताओं ने एकजुटता दिखाई तो भाजपा की मुश्किल बढ़ना तय है। उधर, देश की सबसे युवा प्रधान रही जबना चौहान को भी यहां कम नहीं आंका जा रहा है। जबना 2016 में 21 वर्ष की उम्र में देश की सबसे युवा पंचायत प्रधान बनी थीं। अब जबना आम आदमी पार्टी में शामिल हो चुकी है।
भाजपा का मजबूत किला रहा है नाचन :
जिला मंडी का नाचन निर्वाचन क्षेत्र को भाजपा का मजबूत किला माना जाता है। वर्ष 1980 में भाजपा का गठन हुआ था और उसके बाद 1982 में हुए पहले विधानसभा चुनाव में ही नाचन में भाजपा का खाता खुल गया। तब भाजपा टिकट पर दिलेराम ने जीत दर्ज की थी, जो 1977 में भी जनता पार्टी के टिकट पर विधायक बने थे। इसके बाद 1990 और वर्ष 2007 में भी दिलेराम ने ये सीट भाजपा की झोली में डाली। इसके बाद 2012 और 2017 में मौजूदा विधायक विनोद कुमार ने भाजपा टिकट पर यहाँ से जीत दर्ज की। वहीँ कांग्रेस यहाँ से लगातार तीन चुनाव हार चुकी है। कांग्रेस के लिए टेक चंद डोगरा लम्बे वक्त तक यहाँ मुख्य चेहरा रहे है। डोगरा ने पार्टी को 1985, 1998 और 2003 में जीत दिलाई, जबकि 1993 में वे बतौर निर्दलीय चुनाव जीते।