राणा और होशियार भाजपा के हुए, मजबूत होगी टीम जयराम
तमाम कयासों पर विराम लगाते हुए विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश भाजपा ने प्रदेश के दो निर्दलीय विधायकों को पार्टी में शामिल कर लिया है। देहरा से निर्दलीय विधायक होशियार सिंह व जोगिन्दरनगर से निर्दलीय विधायक प्रकाश राणा बुधवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप की मौजूदगी में भाजपा के हो गए। ये दोनों ही नेता अपने -अपने विधानसभा क्षेत्र से पहली बार विधायक बने और निसंदेह ये दोनों ही अपने अपने विधानसभा क्षेत्र में खासी पकड़ भी रखते है। देहरा विधायक होशियार सिंह लगातार भाजपा में शामिल होने के इच्छुक दिखाई दे रहे थे। होशियार सिंह अपनी हर जनसभा, हर कार्यक्रम में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की तारीफ़ में कसीदे पढ़ रहे थे, जिससे ये साफ़ संकेत मिलता दिख रहा था कि वे भाजपा में शामिल होने जा रहे है। हालांकि देहरा में भाजपा का एक तबका लगातार विधायक के विरोध में दिखा है। वहीं जोगिन्दर नगर से विधायक प्रकाश राणा का झुकाव शुरुआत से ही भाजपा की तरफ रहा है। मंडी लोकसभा उपचुनाव में भी राणा ने पार्टी के लिए खुलकर काम किया और इसी के चलते आज पार्टी में उनकी भी एंट्री हो गई। पर जोगिन्दर नगर में भी पार्टी का एक तबका गुलाब सिंह के साथ खड़ा दिख रहा है। ऐसे में देहरा और जोगिन्दर नगर में बेशक पार्टी को नए चेहरे मिल गए हो, लेकिन जानकार मान कर चल रहे है कि दोनों निर्वाचन क्षेत्रों में सियासी भूचाल तय है। अब भाजपा इसे कैसे साधती है, ये देखना रोचक होगा।
खास बात ये है कि 2017 के विधानसभा चुनाव में इन दोनों निर्दलीय प्रत्याशियों ने भाजपा के जिन दो महारथियों को हराया था, वे धूमल कैंप के खास सिपहसलहार है। देहरा से पूर्व मंत्री रविंद्र सिंह रवि चुनाव हारे थे, तो जोगिन्दर नगर से पूर्व मंत्री और धूमल के समधी गुलाब सिंह परास्त हुए थे। वहीँ जयराम की ताजपोशी के बाद से ही होशियार सिंह और प्रकाश राणा, दोनों का ही झुकाव जयराम ठाकुर की तरफ रहा है। अब जाहिर है इन दोनों के पार्टी में आने से जयराम टीम भी मजबूत होगी। पर टिकट आवंटन पर पेच अब भी फसता दिख रहा है। देहरा में जहां भाजपा का एक बड़ा गुट होशियार सिंह के साथ नहीं दिखता, वहीँ जोगिन्दर नगर में गुलाब सिंह भी चुनाव लड़ने के लिए खुद को तैयार बताते आ रहे है। बहरहाल, जानकार मान रहे है कि भाजपा में घमासान तय है, पर राहत की बात ये है कि इन दोनों ही निर्वाचन क्षेत्रों में कांग्रेस की हालत पतली है।
पहले टिकट की जंग लड़नी होगी
माहिर मानते है कि कोई निर्दलीय विधायक चुनाव से पहले भाजपा में आ जाए और उसे टिकट भी मिले ये जरूरी नहीं है। पार्टी कार्यकर्ताओं की नाराजगी को देखते हुए कई बार पार्टी उन्हीं लोगों को टिकट में तवज्जो देती है, जो पार्टी में लम्बे समय से जुड़े हो। मसलन 2017 से ठीक पहले इंदौरा के निर्दलीय विधायक मनोहर धीमान भाजपा में शामिल हुए। उस वक्त मनोहर उसी तरह मजबूत थे जैसे आज प्रकाश राणा और होशियार सिंह को माना जाता है। पर पार्टी ने 2012 में तीसरे स्थान पर रही रीता धीमान को टिकट दिया और रीता जीत भी गई। आज मनोहर एक किस्म से साइडलाइन है और समर्थकों को मलाल है कि उन्होंने तब चुनाव नहीं लड़ा। सो प्रकाश राणा और होशियार सिंह बेशक भाजपा में शामिल कर लिए गए हो लेकिन दोनों को ही पहले टिकट की जंग लड़नी होगी।
