कर्नल शांडिल की चाल से कई दिग्गज बेहाल
- जिला अध्यक्ष को साइडलाइन कर शांडिल घोषित कर चुके हैं तीन उम्मीदवार
- जिला अध्यक्ष ने घोषित किये 12 समर्थित उम्मीदवार, एक शांडिल की पसंद
- 12 में शामिल नहीं कुनिहार और सिरिनगर से उम्मीदवार
जिला परिषद् प्रत्याशियों को लेकर कांग्रेस के जिला संगठन और सोलन विधायक कर्नल डॉ धनीराम शांडिल की तकरार खुल कर सामने आ गई है। संगठन दो फाड़ हैं, कुछ शांडिल के साथ हैं तो कुछ जिला अध्यक्ष के साथ. शांडिल जिला परिषद् के तीन प्रत्याशी घोषित कर एलान कर चुके हैं कि उनके द्वारा घोषित प्रत्याशी ही कांग्रेस द्वारा समर्थित प्रत्याशी हैं और इनमें कोई बदलाव नहीं होगा। शांडिल के तेवरों ने कांग्रेस के कई खेमों की नींद उड़ा दी हैं। हालात ये हैं कि धुरविरोधी भी अब एक मंच पर आ रहे हैं। दरअसल, शांडिल ने पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के ख़ास माने जाने वालों के टिकट काट दिए हैं, ऐसे में हंगामा बरपना तो लाज़मी हैं। माना जा रहा हैं कि वीरभद्र सिंह निकाय चुनाव जैसे मसले पर शायद ही सीधे तौर पर दखल दें, वहीँ बतौर शांडिल आलाकमान सम्बंधित विधायकों को उम्मीदवार चुनने की आज़ादी दें चूका हैं, साथ ही शांडिल कांग्रेस की इलेक्शन स्ट्रेटेजी कमेटी के सदस्य भी हैं। ऐसे में इस मर्तबा शांडिल की चाल ने कई दिग्गजों को बेहाल कर दिया हैं।
गौरतलब हैं कि जिला सोलन में 17 जिला परिषद् वार्ड है जिनमें से 4 पूर्ण या आंशिक तौर पर सोलन निर्वाचन क्षेत्र के तहत आते है। इनमें सपरून, सलोगड़ा, कुनिहार और सिरिनगर वार्ड शामिल है। कर्नल शांडिल इनमें से सलोगड़ा, कुनिहार और सिरिनगर के प्रत्याशी घोषित कर चुके हैं और दो टूक कह चुके हैं कि ये ही चेहरे मैदान में होंगे। वहीँ जिला कांग्रेस अध्यक्ष शिवकुमार ने भी सोमवार को 12 नामों का एलान किया हैं। इनमें से शांडिल द्वारा घोषित 3 में से सिर्फ सलोगड़ा से उम्मीदवार बलदेव ठाकुर को स्थान मिला हैं। बाकी कुनिहार और सिरिनगर से फिलहाल उम्मीदवार घोषित नहीं किये हैं। यानी शांडिल द्वारा घोषित उम्मीदवारों की काट नहीं की गई हैं।
स्वाभाविक हैं कि इस मसले को लेकर शांडिल पर दबाब जरूर होगा, पर जो तेवर शांडिल ने इख्तियार किए हैं इसे देख लगता नहीं हैं कि वे झुकेंगे। बाकी राजनीती में कभी भी कुछ भी संभव हैं।
उधर संगठन और विधायक के बीच की ये रार और पार्टी में हावी गुटबाज़ी निकाय चुनाव में कांग्रेस की मुश्किलों में और इजाफा कर सकती हैं। संगठन कई खेमों में बंटा हुआ हैं। शहरी कांग्रेस और सोलन ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष शांडिल की छत्रछाया में हैं, तो शिवकुमार को भी कुछ नेताओं का साथ मिला हुआ हैं। जानकार मानते हैं की शांडिल की नज़र 2022 पर टिकी हैं और ऐसे में वे हर उस गुट को सेटल करना चाहते हैं जो उनकी लाइन से बाहर जा सकता हैं।