सुक्खू सरकार की तारीफ तो बनती है !
आपदा प्रभवितों के लिए सुक्खू सरकार ने खोली तिजोरी !
हिमाचल की आर्थिक हालत पतली है। सदन में सरकार बाक़ायद इस पर श्वेत पत्र जारी कर चुकी है। कर्ज लगातार बढ़ रहा है और इस पर आपदा ने कमर तोड़ दी। बावजूद इसके हिमाचल प्रदेश सरकार ने आपदा प्रभवितों का हाथ नहीं छोड़ा। सरकार के काम को वर्ल्ड बैंक नीति आयोग ने तो सराहा ही, भाजपा के दिग्गज शांता कुमार की भी तारीफ़ मिली। हालांकि केंद्र सरकार से इस दौरान कोई स्पेशल पैकेज नहीं मिला , बावजूद इसके सुक्खू सरकार अपने दम पर आपदा प्रभावितों के लिए 3500 करोड़ का स्पेशल पैकेज लेकर आई है। आपदा में जिनके आशियाने उजड़ गए उनके लिए इस पैकेज में बहुत कुछ है। तंगहाली में भी सरकार ने ऐसे लोगों के लिए तिजोरी खोल दी है।
हिमाचल प्रदेश में आई आपदा में 3500 घर ढह गए और करीब 13000 मकान आंशिक तौर पर क्षतिग्रस्त हुए। जिनके मकान पूरी तरह ढह गए ऐसे पदा प्रभवितों को घर बनाने को सरकार ने शहरी क्षेत्र में दो बिस्वा, ग्रामीण क्षेत्र में तीन बिस्वा जमीन देने का ऐलान किया है। इसके लिए कोई आय सीमा नहीं है। इन्हे मकान बनने के लिए सात लाख रुपये दिए जायेंगे, साथ ही निर्माण हेतु सरकारी रेट से सीमेंट और फ्री बिजली पानी के कनेक्शन भी दिए जायेंगे। जिनके कच्चे मकान थे उन्हें भी सरकार ने ये ही राहत दी है। आपको बता दें की रिलीफ मैन्युअल में इसके लिए एक लाख तीस हज़ार का प्रावधान था जिसे सुक्खू सरकार ने बढ़ाकर सात लाख किया है।
वहीँ आपदा में जिनके मकान आंशिक तौर पर टूटे उन्हें एक लाख की राहत दी जाएगी। पहले पक्के माकन के लिए 6500 और कच्चे मकान के लिए 4000 का प्रावधान था , लेकिन सरकार ने रिलीफ मानुसाल में बदलाव कर प्रभावितों को बड़ी राहत दी है। वहीँ लम्बे समय से हिमाचल में रह रहे भूमिहीन गैर हिमाचलियों को भी सुक्खू सरकार जमीन देगी।
इसके अलावा आपदा में जिनकी पशुशाला क्षतिग्रस्त हुई है उन्हें 50 हज़ार की राहत का ऐलान किया गया है जबकि पहले रिलीफ मानुसाल में सिर्फ 3000 की राहत का प्रावधान था।
आपको बता दें आपदा प्रभवितों के लिए सरकार ने प्रति परिवार शहरी क्षेत्र में दस हार प्रति माह और ग्रामीण क्षेत्र में पांच हज़ार प्रतिमाह मकान किराये का भी ऐलान किया है। प्रभावितों को ये सहायता फिलहाल 31 मार्च तक मिलेगी।
बहरहाल राजनीति और राजनैतिक निष्ठा को परे रखा जाएँ तो सुक्खू सरकार के आपदा प्रबंधन और स्पेशल पैकेज की तारीफ तो बनती ही है। ये लग बात है की राजनैतिक चश्मे से देखने पर अब भी खामियां भी दिखेगी और कुप्रबंधन भी पर जैसा आज सीम सुक्खू ने कहा 'राजनीति सिर्फ राजनीति के लिए नहीं होती'।