सचिवालय का 'मनहूस' कमरा नंबर 202: जहाँ बैठा हर मंत्री चुनाव हार गया!

कमरा नंबर 202, सचिवालय का यह कमरा वह कमरा है जिसका नाम सुनते ही मंत्री भागे-भागे फिरते हैं। अब इस कमरे से जुड़ा इतिहास ही कुछ ऐसा है कि डरना तो बनता है। दरअसल, कमरा नंबर 202 में बैठने वाला हर मंत्री चुनाव हारता है, ऐसा हम नहीं, इतिहास के पन्नों में दर्ज चुनावी परिणाम कहते हैं। पिछले चुनाव के नतीजों पर गौर करें तो इस कमरे में मंत्री बनने पर जगत प्रकाश नड्डा, आशा कुमारी, नरेंद्र बरागटा और सुधीर शर्मा भी बैठे हैं और ये सभी तत्कालीन मंत्री रहते हुए अगला चुनाव हार गए। साल 1998 से 2003 तक तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री एवं भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा इस कमरे में बैठे, फिर नड्डा 2003 का चुनाव हार गए। फिर वीरभद्र सरकार में मंत्री रही आशा कुमारी 2007 का विधानसभा चुनाव हार गईं। 2007 में प्रदेश में फिर धूमल सरकार बनी और नरेंद्र बरागटा कैबिनेट मंत्री बने और इसी कमरे में बैठे। बरागटा भी 2012 का चुनाव हार गए। इसके बाद वीरभद्र सरकार में शहरी विकास मंत्री रहे सुधीर शर्मा भी इस कमरे में बैठे और 2017 का विधानसभा चुनाव हार गए। हालांकि उस वक्त सुधीर शर्मा बार-बार यही कहते थे कि यह सब कुछ अंधविश्वास है, ऐसा कुछ नहीं होगा, मगर हुआ तो वह जो सोचा न था। वहीं पिछली जयराम सरकार में मंत्री रहे डॉ. रामलाल मारकंडा भी चुनाव हारे हैं, जो इसी कमरा नंबर 202 में बैठते थे। इस कमरे का इतिहास अब तक बरकरार है। इस बार राजेश धर्माणी को यह कमरा दिया गया था, मगर वह इस कमरे में बैठे ही नहीं। अब इसे अंधविश्वास कह लीजिए या फिर कुछ और, मगर धर्माणी ने कोई रिस्क नहीं लिया।