पत्रकार से प्रदेश के पहले उप मुख्यमंत्री के रूप में मुकेश की सफल उड़ान
हिमाचल प्रदेश में जिला ऊना के राजनीतिक कद को ऊंचा उठाने का काम मुकेश अग्निहोत्री ने कर दिया है। पत्रकारिता के सफल सफर के बाद राजनीति का सफर शुरू करने वाले मुकेश अग्निहोत्री ने पहले ही चुनाव में जीत से आगाज किया और अब तक लगातार पांच चुनावों में जीत दर्ज कर रिकॉर्ड स्थापित कर चुके है। 2003 में मुकेश अग्निहोत्री ने पहली बार विधायक बनने के साथ ही मुख्य संसदीय सचिव का पद प्राप्त किया, उसके बाद 2012 से 2017 तक मंत्री रहे और फिर ऊना जिला के लिए नेता विपक्ष का पद लेकर के आए। बतौर नेता प्रतिपक्ष मुकेश लगातार 5 वर्ष तक आक्रामकता के साथ कांग्रेस पार्टी को संजीवनी देने का काम करते रहे और पार्टी की सत्ता वापसी में उनकी अहम भूमिका रही है।
जिला ऊना को 45 वर्ष पहले 1977 में मुख्यमंत्री पद मिलते-मिलते रह गया था, जब महज एक वोट से शांता कुमार मुख्यमंत्री बन गए थे और रणजीत सिंह पिछड़ गए थे। इस बार भी ऊना को मुख्यमंत्री पद मिलने की उम्मीद थी, अलबत्ता मुख्यमंत्री पद तो नहीं मिला, लेकिन मुकेश अग्निहोत्री ने अपने कद, काठ व पकड़ के चलते हिमाचल प्रदेश के पहले उप मुख्यमंत्री के पद को ऊना में लाकर एक खुशी का माहौल जरूर दे दिया है। मुकेश अग्निहोत्री के उप मुख्यमंत्री बनने की खबर जैसे में पहुंची उनके समर्थकों में जहां खुशी की लहर दौड़ गई। पूरे ऊना जिला में जश्न का माहौल रहा।
मुख्यमंत्री पद के लिए प्रबल दावेदारों में गिने जाने वाले मुकेश अग्निहोत्री कांग्रेस पार्टी के वफादार सिपाही के रूप में मैदान में डटे रहे और कांग्रेस हाईकमान व विधायकों के समर्थन ने उन्हें उपमुख्यमंत्री का ओहदा दिला दिया। निश्चित रूप से मुकेश अग्निहोत्री आक्रामक नेता हैं और प्रदेश में इस समय एक कर्मठ नेतृत्व की जरूरत भी कांग्रेस को है, जो पार्टी के साथ-साथ सरकार को भी मजबूती प्रदान कर सके। कांग्रेस हाईकमान ने नेता विपक्ष के रूप में लगातार संघर्ष करने वाले मुकेश अग्निहोत्री को आगे बढ़ाने के लिए उप मुख्यमंत्री का पद सौंप कर ऊना जिला के राजनीतिक पद को बढ़ा दिया है।
लगातार बढ़ते रहे मुकेश
हिमाचल प्रदेश के पहले उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने पत्रकारिता से अपने सफर को शुरू किया और पत्रकारिता में भी अपना लोहा मनवाया। वे ऊना से शिमला गए, शिमला से दिल्ली गए और दिल्ली से सीधे राजनीति में विधानसभा के चुनाव के लिए आए और लगातार सफलता के पायदान चढ़ते रहे। उन्होंने हरोली विधानसभा क्षेत्र को भी लगातार आगे बढ़ाने का काम किया और हर चुनाव में उनकी जीत का अंतर बढ़ता रहा। अब मुकेश अग्निहोत्री प्रदेश के नेता के रूप में आगे बढ़ेंगे।
हमीरपुर संसदीय हल्के से सीएम और डिप्टी सीएम
हालांकि हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से ही मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री देना कांग्रेस के नेतृत्व की अपने आप में बड़ी रणनीति है, खासतौर पर ऐसे वक्त में जब भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा हमीरपुर क्षेत्र से, कैबिनेट के मंत्री अनुराग ठाकुर हमीरपुर क्षेत्र से हैं। ऐसे में कांग्रेस ने भी रणनीति के तहत सरकार के दो महत्वपूर्ण पद इस क्षेत्र को दे दिए हैं। सरकार का कार्यकाल चुनौतीपूर्ण रहेगा ही। मुकेश अग्निहोत्री के रूप में एक ताकत आक्रामकता कांग्रेस के पास है, जो विधानसभा के अंदर व बाहर काम आएगी।
यह रहा चुनावी सफर
मुकेश अग्निहोत्री ने पहला चुनाव 2003 में संतोषगढ़ विधानसभा क्षेत्र से लड़ा और जीत प्राप्त की जिसमें उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के उस समय के प्रदेश अध्यक्ष को चुनाव में हराया। उसके बाद 2007 में उन्होंने विधानसभा का चुनाव लड़ा और जीत प्राप्त की, फिर 2012 में विधानसभा का चुनाव लड़ा हरोली विधानसभा क्षेत्र से, इसके बाद मुकेश अग्निहोत्री ने 2017 में विधानसभा का चुनाव लड़ा हरोली विधानसभा क्षेत्र से और अब 2022 में उन्होंने लगातार अपने मार्जिन को बढ़ाते हुए 9148 मतों से जीत प्राप्त की।