समझे क्यों मंत्री पद पर मजबूत है गोमा का दावा
सुक्खू कैबिनेट में एससी वर्ग के एक और कैबिनेट मंत्री बनाये जाने की अटकलें है और इन अटकलों के बीच जयसिंहपुर विधायक यादविंदर गोमा का नाम चर्चा में है। गोमा इस बार विधानसभा पहुंचे कांग्रेस के दस एससी विधायकों में से एक है और जिला कांगड़ा से आते है। यानी जातिगत और क्षेत्रीय, दोनों पैमानों पर गोमा फिट बैठते है। जिला कांगड़ा से इस बार कांग्रेस के तीन एससी विधायक जीते है, बैजनाथ से किशोरी लाल, जयसिंहपुर से यादविंदर गोमा और इंदोरा से मलेंद्र राजन। इनमें से किशोरी लाल को सीपीएस बनाया जा चुका है। वहीँ मलेंद्र राजन पहली बार विधानसभा पहुंचे है, जबकि गोमा दूसरी बार के विधायक है। ऐसे में 37 वर्षीय गोमा के समर्थक खासे उत्साहित है।
विदित रहे कि सुक्खू कैबिनेट में अभी तीन मंत्री पद रिक्त है और संभव है इनमें से एक पद एससी ( अनुसूचित जाति ) वर्ग के किसी विधायक को मिले। अब तक मुख्यमंत्री सहित कुल नौ मंत्रियों की शपथ हुई है और उनमें से सिर्फ एक मंत्री पद एससी विधायक को मिला है। हिमाचल प्रदेश में 17 एससी सीटें है जिनमें से दस पर कांग्रेस जीती है। इन दस में से एक मंत्री और दो सीपीएस बनाये गए है। कर्नल धनीराम शांडिल को मंत्री पद मिला है और मोहन लाल ब्राक्टा और किशोरी लाल सीपीएस बनाये गए है। पर माहिर मान रहे है कि कम से कम एक एससी विधायक को अभी मंत्री पद मिल सकता है। बताया जा रहा है कि पार्टी आलाकमान भी चाहता है कि एससी वर्ग को कैबिनेट में उचित प्रतिनिधित्व मिले।
जयसिंहपुर विधायक यादविंदर गोमा की दावेदारी क्यों मजबूत है ये समझने के लिए सुक्खू कैबिनेट में क्षेत्रीय संतुलन को भी समझना होगा। कांग्रेस के दस एससी विधायकों में से सबसे ज्यादा पांच शिमला संसदीय क्षेत्र से जीते है। इनमें सोलन से कर्नल धनीराम शांडिल, कसौली से विनोद सुल्तानपुरी, रेणुकाजी से विनय कुमार, रोहड़ू से मोहनलाल ब्राक्टा और रामपुर से नंदलाल शामिल है। इनमें से कर्नल शांडिल को मंत्री और मोहनलाल ब्राक्टा को सीपीएस बनाया गया है। वहीँ शिमला पार्लियामेंट्री से कुल पांच मंत्री बनाये जा चुके है। ऐसे में विनय कुमार, नंदलाल या विनोद सुल्तानपुरी को मंत्री पद मिलना बेहद मुश्किल है। सिरमौर जिले से हर्षवर्धन चौहान मंत्री बन चुके है इसलिए भी विनय कुमार की दावेदारी कमज़ोर हुई है।
हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस के दो एससी विधायक है, भोरंज से सुरेश कुमार और चिंतपूर्णी से सुदर्शन बबलू। मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री दोनों ही इसी संसदीय क्षेत्र से है और क्रमशः हमीरपुर और ऊना ज़िलों से ही है। ऐसे में पहली बार विधानसभा पहुंचे इन दोनों विधायकों का मंत्री बनना भी मुश्किल है। यदि तीन मंत्री पदों में से इस संसदीय क्षेत्र से कोई मंत्री बनता है तो वो राजेश धर्माणी या राजेंद्र राणा में से कोई एक हो सकता है। वहीँ मंडी संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस का कोई एससी विधायक नहीं जीता है। बहरहाल समीकरण यादविंदर गोमा के पक्ष में बनते दिख रहे है। यदि कांग्रेस एक और एससी चेहरे को कैबिनेट में शामिल करती है तो प्रबल सम्भावना है कि यादविंदर गोमा मंत्री बन सकते है।