शिमला के रिज पर लगेगा 'राजा का स्मारक' **वीरभद्र फाउंडेशन उठाएगा पूरा ख़र्च

6 बार हिमाचल के मुख्यमंत्री रहे स्वर्गीय राजा वीरभद्र सिंह की प्रतिमा हिमाचल की राजधानी शिमला के रिज मैदान पर स्थापित की जाएगी। ये महज़ एक मूर्ति नहीं, बल्कि उन हज़ारों समर्थकों की भावनाओं का शिलालेख होगी, जिनके लिए ‘राजा साहब’ आज भी सत्ता से कहीं ऊपर हैं। इस प्रतिमा का इंतज़ार सिर्फ वीरभद्र सिंह परिवार ही नहीं बल्कि वीरभद्र सिंह के वो तमाम समर्थक भी कर रहे थे जिनके दिलों में पूर्व मुख्यमंत्री के लिए आज भी जगह है। यह इंतज़ार उसी दिन से शुरू हो गया था जिस दिन कांग्रेस सत्ता में लौटी थी। आपको याद होगा कि लगभग एक वर्ष पूर्व, वीरभद्र सिंह के पुत्र और कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने मंत्री पद से इस्तीफ़ा देने की बात कही थी। उनका यह कदम कई वजहों से जुड़ा था, लेकिन एक मुख्य कारण यह भी था कि उनके पिता की मूर्ति को दो गज़ ज़मीन कांग्रेस सरकार नहीं दे पा रही। ख़ैर, अब बात बन गई है।
वीरभद्र सिंह की प्रतिमा दौलत सिंह पार्क में, हिमाचल निर्माता डॉ. यशवंत सिंह परमार की मूर्ति के ठीक बगल में लगेगी। 23 जून को वीरभद्र जयंती पर उनकी प्रतिमा का अनावरण किया जाएगा। हालांकि ये बात अलग है कि इस प्रतिमा को लगाने में सरकार की जेब से एक धेला भी नहीं लगेगा।
दरअसल, इसे बनाने का सारा खर्च वीरभद्र सिंह फाउंडेशन वहन करेगा। सरकार से कोई मदद नहीं ली जाएगी। बता दें कि हाल ही में वीरभद्र सिंह फाउंडेशन के नाम से एक नया ट्रस्ट रजिस्टर किया गया है। विक्रमादित्य सिंह को उस ट्रस्ट का अध्यक्ष बनाया गया है। काग़ज़ी कार्रवाई पूरी करने के लिए इस ट्रस्ट में फिलहाल 4 लोग शामिल हैं। मगर आने वाले समय में इसमें और लोगों को भी शामिल किया जाएगा। विक्रमादित्य का कहना है कि ये ट्रस्ट "दलगत राजनीति से ऊपर" उठकर काम करेगा — जैसा उनके पिता ने किया। ट्रस्ट का उद्देश्य है: दुर्गम इलाकों में स्वास्थ्य, शिक्षा और रोज़गार जैसी मूलभूत सेवाएं पहुँचाना।
लेकिन ये राजनीति है। ज़ाहिर है अब समर्थकों की उम्मीदें सिर्फ प्रतिमा तक सीमित नहीं रहेंगी। ये फाउंडेशन राजा की विरासत को लेकर होल्लीलोज़ कैम्प में नई ऊर्जा भरने का काम कर सकती है। ख़ैर, क्या होता है और क्या नहीं, ये तो वक़्त ही बताएगा।