पीएम मोदी मैदान में, क्या हिमाचल कांग्रेस के नेता ही करेंगे मुकाबला !
* मंडी में दिखा मोदी मैजिक, कांग्रेस को गियर बदलने की जरुरत
* 'आप' के बड़े नेता भी एक्शन में, कांग्रेस स्थानीय चेहरों के भरोसे
युवा विजय संकल्प रैली के आयोजन के साथ ही भारतीय जनता पार्टी, हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव का औपचारिक शंखनाद कर चुकी है। मंडी के पड्डल मैदान में उमड़ा जनसैलाब इस बात की तस्दीक करता है कि चुनाव प्रबंधन में भाजपा का कोई सानी नहीं है। हालांकि भाजपा के इस महाआयोजन में मौसम ने खलल डाली और पीएम मोदी का दौरा रद्द हो गया। इसके बाद पीएम मोदी वर्चुअली कार्यक्रम में जुड़े और अपना सम्बोधन दिया।
अपने सम्बोधन में पीएम मोदी ने अपनी चिर परिचित शैली में पहाड़ी गाँधी बाबा काशीराम को नमन भी किया, और कुल्लू शॉल व चंबा चप्पल का जिक्र कर हिमाचल से अपना नाता भी फिर याद दिलाया। पीएम ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की तरह हिमाचल में सत्ता वापसी की हुंकार भी भरी, और बीत पांच साल में केंद्र द्वारा दी गई सौगातों को भी गिनाया। विशेष तौर हिमाचल प्रदेश को वैश्विक फार्मा हब बनाने की बात पीएम ने फिर दोहराई, साथ ही एम्स बिलासपुर का जिक्र किया। इस बीच पीएम ने हाटी समुदाय को जनजातीय दर्जा देने की सौगात को भी याद दिलाया और किसानो -बागवानों को भी साधने का प्रयास किया। मोदी ने लगभग उन तमाम पहलुओं को छुआ जो विधानसभा चुनाव में पार्टी के मिशन रिपीट में सहायक बन सकते है। उन्होंने अपने विशिष्ट अंदाज में हर किये गए काम को दमदार तरीके से गिनाया। बहरहाल, इसमें कोई संशय नहीं है कि अगर पीएम खुद मंडी पहुंचते तो ये आयोजन और असरदार होता, लेकिन बावजूद इसके भाजपा काफी हद तक माहौल बनाने में कामयाब जरूर रही। आने वाले समय में पीएम मोदी के कई कार्यक्रम प्रस्तावित है और मंडी में पीएम मोदी का जैसा जादू दिखा है, वो भाजपा के लिए निश्चित तौर पर शुभ संकेत माना जा सकता है।
उधर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस की बात करें तो साधन - संसाधनों का अभाव तो पार्टी के पास है ही, कमजोर केंद्रीय नेतृत्व भी बड़ा मसला है। हालांकि प्रदेश के बड़े नेता काफी हद तक मैदान में डटकर भाजपा का मुकाबला करने में कामयाब दिख रहे है, लेकिन प्रदेश स्तर पर बड़े आयोजन करने में पार्टी अब तक पीछे दिख रही है। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अक्टूबर में कांग्रेस को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिलना है और मुमकिन है पार्टी के बड़े चेहरे इसी में उलझे रहे। वहीं राहुल गाँधी भारत जोड़ो यात्रा कर रहे है और यात्रा के बीच उनका हिमाचल दौरे पर आना मुश्किल मालूम पड़ता है। ऐसे में जाहिर है पार्टी को सत्ता में लाने का मुख्य दारोमदार प्रदेश के बड़े नेताओं पर ही रहेगा।
आप भी आक्रामक, कांग्रेस को मुश्किल :
वहीं आम आदमी पार्टी की बात करें तो अरविन्द केजरीवाल, भगवंत मान और मनीष सिसोदिया लगातार हिमाचल के दौर कर रहे है और आगामी समय में भी इनके कई दौरे प्रस्तावित है। आप प्रदेश में अपनी जगह बनाने की कवायद में जुटी है और यदि वो सत्ता विरोधी वोट बाँट गई तो कांग्रेस के लिए मुश्किल तय है। ऐसे में कांग्रेस को जल्द गियर बदलने की जरुरत है।