क्या सुक्खू कैबिनेट में जगह बना पाएगा मंडी जिला
सुक्खू मंत्रिमंडल विस्तार के पहले चरण में मंडी जिला भी जगह नहीं बना पाया है। दरअसल, कांग्रेस को मंडी जिला की दस में से सिर्फ एक सीट मिल पाई है। कांग्रेस के बड़े-बड़े दिग्गज भी जिला मंडी में परास्त हुए है। केवल धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस की लाज बची है जहाँ जयराम सरकार में मंत्री रहे महेंद्र सिंह के बेटे रजत ठाकुर को हराकर चंद्रशेखर विधानसभा पहुंचे है। जाहिर है दस सीटों वाले जिला मंडी को सरकार में उचित प्रतिनिधित्व दिए जाना सरकार की सियासी मजबूरी बन गई है, ऐसे में कयास थे कि चंद्रशेखर कैबिनेट में जगह बनाने में कामयाब हो सकते है, मगर ऐसा नहीं हो पाया। अब अगले कैबिनेट विस्तार पर निगाहें टिकी है और ये देखना रोचक होगा कि क्या मंडी में जड़ें मजबूत करने को सुक्खू कैबिनेट में चंद्रशेखर को स्थान मिलेगा। साल 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मंडी जिला की एक भी सीट नहीं मिली थी। इसके बाद भी मंडी जिला में कांग्रेस की स्थिति बेहतर नहीं हुई। मंडी लोकसभा का चुनाव भी पार्टी नहीं जीती। स्थानीय निकाय, जिला परिषद् और नगर निगम चुनाव में भी पार्टी हारी। इसके बाद मंडी लोकसभा का उपचुनाव तो कांग्रेस जीत गई मगर उसमें भी पार्टी को मंडी लोकसभा के अंतर्गत आने वाली जिला की नौ सीटों में से सिर्फ एक पर लीड मिली, बाकी आठ सीटों पर कांग्रेस पिछड़ गई थी। इस चुनाव में भी पार्टी सिर्फ एक सीट पर जीत दर्ज कर पाई है। ज़ाहिर है अगर मंडी को वापस जीतना है, तो तवज्जो देनी ही होगी।
मंडी के धर्मपुर से जीत कर आए विधायक चंद्रशेखर के राजनैतिक सफर की बात करे तो वामपंथ से कांग्रेस विचारधारा में आए चंद्रशेखर पिछले तीन विधानसभा चुनावों से प्रतिद्वंदी महेंद्र सिंह को कड़ी टक्कर देते आए हैं, लेकिन वह महेंद्र सिंह के जीत के तिलिस्म को तोड़ नहीं सके थे। अपना पहला विधानसभा चुनाव चंद्रशेखर ने 2007 में धर्मपुर विधानसभा सीट से लड़ा लेकिन वो महेंद्र सिंह ठाकुर से चुनाव हार गए। फिर 2012 में भी चंद्रशेखर ने कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ा और एक बार फिर उन्हें हार का मुँह देखना पड़ा। 2017 में भी ये सिलसिला जारी रहा और चंद्रशेखर फिर चुनाव हार गए। लम्बे समय तक धर्मपुर विधानसभा सीट पर महेंद्र सिंह ठाकुर का दबदबा रहा है ऐसे में इस तिलिस्म को तोड़ पाना चंद्रशेखर के लिए आसान नहीं था, लेकिन इस बार मैदान में रजत ठाकुर थे और चंद्रशेखर ने रजत ठाकुर को हरा कर विधानसभा की दहलीज लांघ ली। अब धर्मपुर वालों को उम्मीद है कि जयराम कैबिनेट में जिस तरह महेंद्र सिंह मंत्री थे, उसी तरह अब सुक्खू कैबिनेट में चंद्रशेखर शामिल किए जायेंगे। जानकार मानते है की जिला मंडी राजनीतिक दृष्टि से बेहद अहम जिला है और ऐसे में चंद्रशेखर को अहम् पद मिल सकता है। क्षेत्रीय संतुलन को साधने के लिहाज से उन्हें या तो मंत्रिमंडल में शामिल किया जायेगा या फिर उन्हें विधानसभा उपाध्यक्ष के पद से भी पार्टी नवाज सकती है। बहरहाल चंद्रशेखर को क्या ज़िम्मा मिलता है, इसके लिए इन्तजार बरकरार है।