शिमला: महामहिम राष्ट्रपति को खूब भाई आसरा के कलाकारों की सिरमौरी नाटी
राजभवन शिमला में गत रात्रि महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के सम्मान में हुए स्टेट डिनर से पूर्व आयोजित सांस्कृतिक संध्या में आसरा के कलाकारों ने जिला सिरमौर की पुरातन सांस्कृतिक विरासत को लोकगीतों व लोकनृत्यों के माध्यम से बेहद आकर्षक और संजीदा ढंग से महामहिम व अन्य सभी अति विशिष्ट अतिथियों के समक्ष इस तरह से प्रदर्शित किया कि स्वयं महामहिम भी लोक कलाकारों की तारीफ किए बगैर न रह सके। आसरा संस्था के प्रभारी जोगेंद्र हाब्बी ने बताया कि हिमाचल सरकार द्वारा निदेशालय भाषा एवं संस्कृति की ओर से सिरमौरी नाटी व झमाकड़ा नृत्य के दो दलों को सांस्कृतिक प्रस्तुति हेतु बुलाया था। आसरा के गुरु राष्ट्रपति द्वारा सम्मान प्राप्त विद्यानंद सरैक व जोगेंद्र हावी द्वारा गुरु शिष्य परंपरा के अंतर्गत प्रशिक्षण प्राप्त कलाकारों से तैयार कार्यक्रम का राज भवन में अति विशिष्ट मेहमानों के समक्ष प्रस्तुत किया गया। पूर्व तय कार्यक्रम के अनुसार सांस्कृतिक संध्या रात्रि भोजन से ठीक पहले आरंभ हुई। महामहिम के राजभवन में प्रवेश करने के तुरंत बाद ही पुलिस ऑर्केस्ट्रा द्वारा राष्ट्रीयगान की धुन बजाई गई। तत्पश्चात हिमाचली सांस्कृतिक संध्या आरंभ की गई। प्रथम प्रस्तुति सिरमौर की आसरा संस्था के कलाकारों द्वारा देव आराधना दीपक नृत्य से सांस्कृतिक कार्यक्रम का आगाज किया गया। सिरमौरी वेशभूषा से सुसज्जित कलाकारों के मंच पर प्रवेश करते ही पूरा हॉल लोकवाद्यों की धुन व सिरमौरी बोली में देव आराधना के गीतों व नृत्य के सांस्कृतिक माहौल में झूम उठा, इसी कड़ी में सिरमौरी हाटी संस्कृति प्रधान रिहाल्टी गीत नृत्य व भरथरी नृत्य में कलाकारों का अंदाज देखने लायक था, सांस्कृतिक कार्यक्रम के पश्चात कलाकारों के साथ समूह चित्र के समय कलाकारों से बात करते हुए राष्ट्रपति,मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री व विधानसभा अध्यक्ष ने भी मुक्त कंठ से कलाकारों की प्रशंसा की तथा पुरातन सांस्कृतिक विरासत को सहेजने व संरक्षण हेतु कलाकारों को बधाई भी दी।