काजा : विभिन्न पंचायतों में जल संरक्षण को लेकर चलाया जनजागरूकता अभियान संपन्न.
मन्नत कला मंच कुल्लू के कलाकारों ने लोकगीत, संगीत व नुक्कड़ नाटक में माध्यम से किया जागरूक
फर्स्ट वर्डिक्ट। काजा
जल शक्ति विभाग के जिला जल एवं स्वच्छता मिशन लाहौल एवं स्पिति द्वारा जिला के स्पिति खंड में पानी की शुद्धता, स्वच्छ रखरखाव, प्रकृतिक जल स्रोतों के सरंक्षण व संवर्धन, जल जनित रोगों, पेयजल की उपलब्धता के साथ साथ ग्रामीण पेयजल एवं स्वच्छता समिति के कार्यों, गठन व इसके लाभों के प्रति ग्रामीणों को जागरूक करने के उद्देश्य से चलाए जा रहे जनजागरूकता अभियान का आज लांगचा, काजा व किब्बर पंचायतों में हुए कार्यक्रमों के साथ समापन हो गया। साथ ही स्पिति घाटी के डेमूल, लालूंग, ढंखर, ताबो व पिन वैली की कुंगरी, सगनम आदि पंचायतों में भी फोक मीडिया कार्यक्रम किए गए। मन्नत कला मंच के संयोजक नवनीत भारद्वाज ने कार्यक्रम संबंधित जानकारी देते हुए बताया कि इन कार्यक्रमों में जहां एक तरफ लाहौली गीतों से लोगों का मनोरंजन किया गया। वहीं, दूसरी ओर मंच के कलाकारों ने नाटक, 'जल है तो कल है' के माध्यम से अपनी बेहतरीन प्रस्तुति देते हुए पंचायत में बेहतर जलप्रबंधन हेतु ग्रामीण पेयजल एवं स्वच्छता समिति के कार्यों जिनमें पानी के संपूर्ण रख रखाव, पेयजल की स्वच्छता हेतु समय समय पर पानी की जांच करना, ताकि जल जनित रोगों से बचाव हो, प्रकृतिक जल स्रोतों के सरंक्षण व संवर्धन बारे विस्तृत जानकारियां दी।
उन्होंने स्पिति घाटी में लगातार होती पीने के पानी की कमी के बारे व इसके उचित इस्तेमाल, रखरखाव व बचाव के प्रति भी लोगों को जागरूक किया। कार्यक्रमों में जल शक्ति विभाग के कनिष्ठ अभियंता विनय शर्मा, शुभ लांगचा पंचायत प्रधान छेरिंग पलडोन, काज़ा के सचिव नोरबू, किब्बर पंचायत प्रधान डोलमा छेरिंग के साथ साथ बड़ी संख्या में महिला मंडल, युवक मंडल सहित अन्य ग्रामीण भी शामिल रहे।अधीक्षण अभियंता ई. मनोज नेगी ने कार्यक्रमों संबंधित जानकारी देते हुए बताया कि जल जीवन मिशन के तहत जिला की सभी पंचायतों में ग्रामीण पेयजल स्वच्छता कमेटीयों का गठन किया गया है तथा पेयजल निगरानी समिति द्वारा पूरी पंचायत में पेयजल की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
क्योंकि स्वच्छ पेयजल ही बीमारियों से बचाव का सबसे प्रभावशाली तरीका हैं। उन्होंने बताया कि पानी की जांच हेतु पंचायत के हर गांव की पांच महिलाओं को विभाग द्वारा पेयजल की गुणवत्ता की जांच करने के लिए प्रशिक्षण के साथ-साथ जल जांच किटें भी दी जा रही है, ताकि ये महिलाएं गांव में पेयजल की समय समय पर जांच कर सके, ये जांच 10 मानकों पर की जाती है।