राजेश धर्माणी: पहली बार 2007 में बने विधायक, 2022 में तीसरी बार; अब सुक्खू कैबिनेट में मंत्री
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज यहां राज भवन में आयोजित एक गरिमापूर्ण समारोह में प्रदेश मंत्रिमंडल के दो नए सदस्यों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी उपस्थित थे। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने कार्यवाही का संचालन किया।
बिलासपुर जिला के घुमारवीं विधानसभा क्षेत्र से चुने गए राजेश धर्माणी का जन्म 2 अप्रैल, 1972 को जिला बिलासपुर के घुमारवीं में बिमला देवी एवं रतन लाल धर्माणी के घर हुआ। इन्होंने एनआईटी हमीरपुर से बीटेक (सिविल) और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) से एमबीए की शिक्षा ग्रहण की। इनका विवाह सोनिका शर्मा से हुआ। इनकी एक पुत्री है। धर्माणी प्रदेश कांग्रेस समिति के सचिव, उपाध्यक्ष तथा महासचिव पद पर कार्य कर चुके हैं। इसके अतिरिक्त राज्य युवा कांग्रेस के अध्यक्ष, जिला कांग्रेस समिति के सचिव, अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के महासचिव एवं एनएसयूआई तकनीकी प्रकोष्ठ के संयोजक भी रहे।
राजेश धर्माणी दिसंबर, 2007 में प्रदेश विधानसभा के लिए चुने गए और वर्ष 2012 में पुन: निर्वाचित हुए। वह वर्ष 2007-2012 तक प्राक्कलन और मानव विकास समितियों के सदस्य और वर्ष 2013 से 2017 तक मुख्य संसदीय सचिव रहे। दिसंबर, 2022 में प्रदेश विधानसभा के लिए तीसरी बार चुने गए और मानव विकास समिति के अध्यक्ष के रूप में नामित हुए। साथ ही लोक लेखा और ई-गवर्नेंस-सह-सामान्य प्रयोजन समितियों के सदस्य नामित हुए।
कृषि एवं सेरीकल्चर में विशेष अभिरुचि रखने वाले धर्माणी समाज सेवा में भी निरंतर सक्रिय रहे हैं और गरीब बच्चों को उच्च शिक्षा प्रदान करने में इनका उल्लेखनीय योगदान रहा है।