सरकाघाट की रिस्सा पंचायत में करोना काल में मनरेगा बना रोज़गार और आय का साधन
उपमंडल सरकाघाट की नवगठित पंचायत रिस्सा में आजकल मनरेगा रोजगार एवं आय का मुख्य साधन बना है। इसके लिए मुख्य श्रेय जाता है अपनी भरसक मेहनत और लगन से काम करने वाली पंचायत प्रधान लता देवी को, जिन्होंने इस करोना काल में जरूरतमंद लोगों को मनरेगा में रोजगार देकर रोजगार से वंचित नहीं रहने दिया। गांव-घर में रहनेवाले लोगों के लिए मनरेगा वरदान साबित हो रहा है, अभी जिस प्रकार का संकट है। रोजी-रोजगार सबसे बड़ी समस्या बन गयी है। ऐसे में मनरेगा में काम कर कई लोग परिवार की जीविका चला रहे हैं।
रिस्सा पंचायत में सैकड़ों परिवारों को मनरेगा से रोजगार मिला है। यह परिवार पूरे लॉकडाउन में अपने गांव में मजदूरी कर रहे हैं। प्रत्येक परिवार से एक-एक सदस्य मजदूरी कर रहे हैं तो कईयों को आने वाले समय में रोजगार देंगे। अभी लगभग हरेक गांव में मनरेगा के तहत कई कार्य चल रहें हैं। जिससे लोगों को अच्छी कमाई भी हो रही है। घर का चूल्हा चौका भी चल रहा है।
कार्यस्थल पर बरती जा रही कोरोनावायरस से बचाव के लिए सावधानियां :
आज-कल कोरोना महामारी से बचाव के लिए मनरेगा कार्य स्थल पर पंचायत की ओर से काफी सावधानियां भी बरती जा रही हैं। प्रधान द्वारा कार्य कर रहे मजदूरों को कोरोना वायरस से बचाव के लिए आवश्यक जानकारी भी समय-समय पर दी जा रही है। कार्यस्थल पर मनरेगा मजदूरों को शारीरिक दूरी का पालन करने, मास्क लगाकर कार्य करने, स्वच्छता के लिए साबुन से हाथ धोने, छाया की व्यवस्था, पेयजल की व्यवस्था सहित अन्य जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। सभी मजदूर शारीरिक दूरी बना कर कार्य कर रहे हैं। मुंह-नाक को मास्क से ढक रहे हैं।