शिमला : सीबीआई ने एसजेवीएनएल के तीन पूर्व अफसरों और निजी कंपनी पर दर्ज की एफआईआर
सीबीआई ने शिमला थाने में 191 करोड़ रुपये का चूना लगाने के मामले में भारत सरकार के उपक्रम सतलुज जल विद्युत निगम (एसजेवीएन) लिमिटेड के तीन पूर्व अफसरों, एक निजी कंपनी के दो प्रतिनिधियों और एक अन्य कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज किया है। सीबीआई ने प्रांरभिक जांच में पाया कि एसजेवीएन के महाराष्ट्र के अहमदनगर स्थित पवन ऊर्जा संयंत्र की स्थापना में अनियमितता बरती गई, जिससे निगम को 191 करोड़ का नुकसान हुआ। सीबीआई की अलग-अलग टीमों ने बुधवार को आरोपियों के दिल्ली, गाजियाबाद, गुड़गांव, समाना (जिला पटियाला, पंजाब) और चेन्नई स्थित परिसरों सहित लगभग सात स्थानों पर दबिश दी। इस दौरान कई अहम दस्तावेज कब्जे में लिए गए। सीबीआई ने आईपीसी की धारा 120-बी और 420 के साथ ही पी एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया है।
जिन पर मामला दर्ज किया गया, उनमें एसजेवीएन के कार्यकारी निदेशक सेवानिवृत्त आरके अग्रवाल, सेवानिवृत्त मुख्य महाप्रबंधक संजय उप्पल और सेवानिवृत्त उप महाप्रबंधक एके जिंदल के अलावा निजी कंपनी मैसर्स पावर एनर्जी के प्रतिनिधि कंसल्टेंट्स विनीत शर्मा और सीएम जैन सहित मैसर्स गमेसा विंड टरबाइन प्रो. लिमिटेड चेन्नई (अब मैसर्स सीमेंस गेम्सा रिन्यूएबल पावर प्राइवेट लिमिटेड चेन्नई) शामिल है। सीबीआई ने पाया कि एसजेवीएन के महाराष्ट्र के अहमदनगर स्थित पवन ऊर्जा संयंत्र की स्थापना में अनियमितता बरती गई है। आरोप है कि कंपनी ने पवन ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए दोषपूर्ण व्यवहार्यता रिपोर्ट प्रदान की थी। इसके साथ ही आरोपियों ने अन्य के साथ षड्यंत्र रचते हुए खिरविरे, कोंभलाने जिला अहमदनगर (महाराष्ट्र) स्थित एसजेवीएन के पवन ऊर्जा संयंत्र की स्थापना के लिए निविदा विनिर्देशों के अनुसार उपकरणों एवं सामग्री की उचित आपूर्ति व स्थापना सुनिश्चित नहीं की, जिस कारण उक्त संयंत्र का प्रदर्शन कम हो गया। ऐसे में निगम को लगभग 191 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।