शिमला : अगर काम संतोषजनक नहीं था तो एक साल से क्या कर रही सरकार: जयराम
-स्वास्थ्य सेवाओं को इतना हल्के में कैसे ले सकती है सरकार
-जो टेस्ट फ्री होते थे, आज उनके लोगों को देने पड़ रहे पैसे
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के लोगों के स्वास्थ्य से साथ खिलवाड़ हो रहा है। मरीज बिना जांच के भटक रहे हैं। निजी लैब में मोटी रक़म देकर जांच करवाने को मजबूर हो रहे हैं और स्वास्थ्य मंत्री ऊल-जुलूल बयान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री का 'क्रसना लैब का काम संतोषजनक नहीं था और इससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा हैÓ, वाला बयान शर्मनाक है। शायद उन्हें जानकारी नहीं है कि जाँच बंद होने से प्रदेश के लोगों को कितनी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री के बयान का आधार क्या है? अगर काम संतोषजनक नहीं था तो राज्य सरकार ने क्या कार्रवाई की। कैसे लोगों की जाँच होती रही। यह भी प्रदेश के लोगों को बताना चाहिए। अखबारों में रोज़ छप रहा है कि जांच करने वाली संस्थाओं के भुगतान नहीं हो रहे हैं, इसलिए सेवा प्रदाता संस्था जांच करना बंद कर देगी। लेकिन सरकार और ज़िम्मेदार आंख मूंदकर सोए रहे। जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस नीत सुक्खू सरकार के काम असंतोषजनक ही नहीं निराशाजनक हैं। सिर्फ और सिर्फ झूठ बोलकर सरकार को चलाने का प्रयास किया जा रहा है।
जयराम ठाकुर ने कहा की सत्ता में आते ही अस्पतालों पर ताला लगाया और अब लोगों के जाँच और इलाज पर ताला लगा रही है। देश में इलाज से कोई अछूता न रह जाए इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना आयुष्मान भारत चलाई। प्रदेश में जो भी आयुष्मान के तहत आ नहीं पाए उनके इलाज लिए हमने हिम केयर योजना चलाकर पांच लाख के नि:शुल्क इलाज की व्यवस्था की। लोगों को कोई बीमारी होती थी तो लोग सिर्फ आयुष्मान और हिमकेयर का कार्ड जेब में रख कर अस्पताल जाते थे और पांच लाख तक का इलाज बिना किसी परेशानी के फ्री में करवाते थे। प्रदेश का कोई ऐसा परिवार नहीं था जिसे इलाज के लिए सोचना पड़े। लेकिन आज क्या हाल है। हिमकेयर के दो सौ करोड़ से ज़्यादा का बकाया है और लोग इलाज लिए दर-दर भटक रहे हैं। नि:शक्त हो चुके लोगों के लिए हमने सहारा योजना चलाई थी। आज वह भी बंद है। क्या यह सरकार सामाजिक सरोकार में इतना भी नहीं कर सकती है।