शिमला/ऊना : ट्रेन के नीचे आकर करना चाहता था सुसाइड, हिमाचल रेलवे पुलिस ने बचा ली जान
हिमाचल प्रदेश पुलिस के रेलवे पुलिस चौकी ऊना में तैनात जवानों ने एक बहुत ही सराहनीय कार्य किया है। गत 4 जनवरी को शिमला स्थित मीडिया हाउसेस को बजरिया ईमेल पर एस. प्रभु नामक व्यक्ति द्वारा सूचित किया गया कि वह रेलवे लाइन ऊना में ट्रेन के सामने आकर आत्महत्या करने जा रहा है, क्योंकि उसे एक महिला ने धोखा दिया है। ई-मेल मिलने पर मीडिया हाउसेस द्वारा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नरवीर सिंह राठौर को सूचित किया गया। उन्होंने तुरंत कार्रवाई करते हुए जीआरपी थाना कांगड़ा एवं जीआरपी चौकी ऊना को सूचित किया एवं पुलिस जवानों को इस संदर्भ में उचित दिशा-निर्देश दिए। एक प्रभावी योजना तैयार कर एस. प्रभु के मोबाइल फोन की लोकेशन ली गई एवं जीआरपी चौकी ऊना पुलिस टीम को योजना के तहत रेलगाड़ी के इंर्जन ( लोकोमोटिव) वाले कैबिन में बिठाया गया। रेलगाड़ी जो दौलतपुर से ऊना की तरफ आ रही थी को धीमी रफ्तार से चलाया गया। जब ट्रेन ऊना के पास पहुंची तो एक व्यक्ति पटरी के पास दिखाई दिया। इस पर पुलिस जवान ने तुरंत रेल से उतरकर उसे पकड़ लिया। पूछने पर व्यक्ति ने अपना नाम एस. प्रभु निवासी तमिलनाडु बताया और यह भी बताया कि वह आत्महत्या की करने की नीयत से यहां पर खड़ा था। उसने अपने को भारतीय सेना का जवान बताया।
वहीं, भारतीय सेना के सूत्रों से जानकारी एकत्र की गई तो पता चला कि एस. प्रभु भारतीय सेना में हवलदार के पद पर कार्यरत था एवं वर्ष 2022 में छुट्टी आने के बाद वापस ड्यूटी ज्वाइन नहीं की थी। इसे भगोड़ा घोषित किया गया था। आज उसे जीआरपी चौकी ऊना एवं जीआरपी थाना कांगड़ा के पुलिस कर्मचारियों द्वारा सेना कैंप योल में सेना के हवाले किया गया। जीआरपी पुलिस द्वारा की गई उपरोक्त तुरंत कार्रवाई से एस. प्रभु की जान बच गई। जीआरपी चौकी ऊना टीम सहायक उप निरीक्षक अजय ऐरी के नेतृत्व में आरक्षी आनंद, रमन शर्मा, कमल देव, राहुल एवं अनिल द्वारा तुरंत कार्रवाई करते हुए सराहनीय कार्य को अंजाम दिया है। गुरुदेव चंद शर्मा डीआईजी टीटीआर द्वारा जीआरपी पुलिस जवानों द्वारा की गई सफल एवं सराहनीय कार्रवाई पर उनकी भरपूर प्रशंसा की गई।