सिरमौर : राकेश कुमार के सपने को साकार करती 'मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना
फर्स्ट वर्डिक्ट\ सिरमौर
हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा बेरोजगार युवाओं को स्वरोगार प्रदान करने के उद्देश्य से आरंभ की गई 'मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजनाÓ कई युवाओं के सपनों को साकार करने में सहायक सिद्ध हो रही है। इस योजना के अंतर्गत 18 से 45 वर्ष तक के युवाओं तथा 18 से 50 वर्ष की महिलाओं को स्वरोजगार के प्रति प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से 25 प्रतिशत से लेकर 35 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जाता है व तीन वर्ष तक पांच प्रतिशत के हिसाब से ब्याज दर में भी छूट प्रदान की जाती है। ऐसे ही गांव हिरपुर, पांवटा साहिब जिला सिरमौर के निवासी 36 वर्षीय युवा राकेश कुमार का कहना है कि उनका सपना शुरू से ही अपना स्वयं का कार्य करने का था, परंतु उनके पास पर्याप्त मात्रा में धनराशि उपलब्ध नहीं थी, जिससे वह अपना कार्य शुरू कर पाते। नॉन मेडिकल से बारहवीं करने के उपरांत अपनी घरेलू परिस्थितियों को देखते हुए, क्षेत्र की ही एक निजी कंपनी में कई वर्षों तक कार्य किया, जिससे उनकी दैनिक जरूरतें पूरी होने लगीं। वर्ष 2020 में कोरोना महामारी के कारण देश भर में लॉकडाउन लगाया गया तथा कंपनी द्वारा उनका वेतन आधा कर दिया गया। धन के अभाव के कारण यह नौकरी करना उनके लिए कठिन हो गया, जिस कारण उन्होंने स्वयं का कार्य करने का निर्णय लिया। जिसके मद्देनजर उन्होंने प्रदेश सरकार की मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के विषय में पता चला। इस योजना के संबंध में उन्होंने एकल खिड़की समाधान कार्यालय (उद्योग विभाग) पांवटा साहिब में जाकर मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना की विस्तृत जानकारी प्राप्त की। राकेश कुमार द्वारा मुख्यमंत्री स्वालंबन योजना के तहत आवश्यकतानुसार ऋण प्राप्त करने के लिए सभी औपचारिकताएं पूर्ण की गईं।
मुख्यमंत्री स्वालंबन योजना के अंतर्गत प्राप्त 25 लाख रुपए की राशि से उन्होंने पांवटा साहिब में माजरा के निकट राजबी सॉल्वेंटस प्राइवेट लिमिटेड के नाम से अक्तूबर 2020 से कार्य आरंभ किया तथा टॉयलेट क्लीनर, वॉशिंग पाउडर, फिनायल, डिशवॉश, हैंडवॉश आदि उत्पाद बनाने आरंभ किए।
राकेश कुमार का कहना है कि उन्होंने कभी सोचा न था, कि उन्हें इस प्रकार आर्थिक रूप से सहायता मिल पाएगी और उनका स्वरोजगार का सपना कभी पूरा हो पाएगा, परंतु मुख्यमंत्री स्वालंबन योजना ने उनका सपना साकार कर दिखाया। इस योजना ने उनके स्वयं का कार्य करने के सपने को तो साकार किया ही है, साथ ही वह इससे आत्मनिर्भर भी बने हैं।
इस कार्य के आरंभ होने से वह बहुत खुश हैं। इससे जहां उन्हें आजीविका का साधन मिला ही है, वहीं उन्होंने क्षेत्र के छह अन्य लोगों को भी रोजगार दिया है। ये लोग उनके साथ नियमित तौर से उत्पादों को बनाने का कार्य कर रहे हैं तथा उनके उत्पादों को आसपास के क्षेत्र व उत्तराखंड के नजदीकी गावों में निर्यात कर रहे हैं। उन्होंने इस प्रकार की जनहितैषी योजनाओं के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का अपनी व अपनी टीम की ओर से तहे दिल से धन्यवाद व आभार व्यक्त किया।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2021 में इस योजना में 18 नई गतिविधियों को शामिल किया गया। इसके अतिरिक्त, महिलाओं की आयु सीमा 45 से बढ़ाकर अब 50 वर्ष कर दी गई है, ताकि अधिक से अधिक प्रदेशवासी इस योजना का लाभ उठा सकें। प्रोजेक्ट लागत की सीमा भी अब 60 लाख रुपए से बढ़ाकर एक करोड़ रुपए कर दी गई है। कैपिटल सब्सिडी की अधिकतम सीमा पुरुषों के लिए 15 लाख तथा महिलाओं के लिए 18 लाख की गई है।