सोलन : साइबर अपराधियों ने फर्जी कॉल्स और धमकियों से ठगे 8.5 लाख रुपए, 3 आरोपियों को किया इंदौर से गिरफ्तार

सोलन जिले के धर्मपुर निवासी एक व्यक्ति को साइबर अपराधियों ने फर्जी कॉल्स और धमकियों के जरिए 8.5 लाख रुपए की ठगी का शिकार बना लिया। पुलिस ने इस मामले में मध्य प्रदेश के इंदौर से तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से दो आरोपी पहले भी आपराधिक मामलों में शामिल रहे हैं।
पुलिस अधीक्षक गौरव सिंह के अनुसार, 15 नवम्बर, 2024 को धर्मपुर पुलिस थाने में एक शिकायत दर्ज की गई थी। शिकायतकर्ता ने बताया कि 11 नवम्बर, 2024 को उसे एक अज्ञात कॉल आया, जिसमें कॉलर ने खुद को टैलीकॉम अधिकारी बताया और पीड़ित से कहा कि उसके मोबाइल नंबर से अवैध गतिविधियां जुड़ी हैं और यह नंबर उसके आधार कार्ड से खरीदा गया था। कॉलर ने यह भी दावा किया कि उस नंबर पर एफआईआर दर्ज है और आधार कार्ड का दुरुपयोग हो रहा है। इसके बाद कॉल को मुंबई पुलिस अधिकारी संदीप राव के पास ट्रांसफर किया गया।
संदीप राव ने पीड़ित को डराने के लिए वीडियो कॉल पर एक व्यक्ति को पुलिस अधिकारी के रूप में दिखाया और पीड़ित से अपने बैंक खातों की जानकारी देने का दबाव डाला। आरोपियों ने फर्जी एफआईआर, गिरफ्तारी आदेश और आरबीआई के दस्तावेज दिखाकर मनी लॉन्ड्रिंग और अपराधी नरेश गोयल से कथित संबंधों का भय दिखाया। इसके बाद पीड़ित और उनके बेटे ने कुल 8.5 लाख रुपए, जिसमें 50,000 रुपए गूगल पे और 8 लाख रुपए एनईएफटी के माध्यम से अपराधियों के खातों में ट्रांसफर कर दिए।
ठगी की जानकारी मिलने पर पीड़ित ने पुलिस से संपर्क किया। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए संदिग्ध बैंक खातों और मोबाइल डेटा का विश्लेषण किया, जिसके बाद तीन आरोपियों महेश पाटीदार (38), रोहित कररे उर्फ रोहण कररे (33), और श्याम कुमार (38) को इंदौर से गिरफ्तार किया। आरोपियों को सोलन कोर्ट में पेश किया गया, जहां उन्हें 4 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया है। पुलिस पूछताछ में यह भी पता चला कि श्याम कुमार और महेश पाटीदार के खिलाफ पहले भी आपराधिक मामले दर्ज हैं।
पुलिस अधीक्षक गौरव सिंह ने कहा कि पुलिस इस रैकेट के अन्य सदस्यों की पहचान के लिए गहन जांच कर रही है। उन्होंने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी अनजान कॉल या लिंक पर विश्वास करने से पहले सतर्क रहें और ऐसी घटनाओं की सूचना तुरंत नजदीकी पुलिस थाने में दें।