सोलन : आईएमसी एसडब्ल्यूएफ कर्मचारियों ने जताया रोष, सरकार को दी चेतावनी

हिमाचल प्रदेश के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) में कार्यरत आईएमसी एसडब्ल्यूएफ कर्मचारियों ने सरकारी उपेक्षा के खिलाफ एकजुट होकर गेट मीटिंग्स का आयोजन किया। इन कर्मचारियों ने सरकार से मांग की कि उनकी नीति में संशोधन किया जाए और उनके साथ हो रहे भेदभाव को तुरंत समाप्त किया जाए।
कर्मचारियों का कहना है कि 31 जुलाई 2015 से पहले नियुक्त हुए कर्मचारियों को नीति का लाभ मिल रहा है, जबकि उसके बाद नियुक्त कर्मचारियों को बिना किसी उचित कारण के इस लाभ से वंचित रखा गया है। कुछ कर्मचारियों ने बताया कि उनकी नियुक्ति केवल 8-10 घंटे की देरी से हुई, लेकिन इसके बावजूद उन्हें इस नीति का लाभ नहीं मिल सका। कर्मचारियों ने कई बार अपनी समस्याएं हिमाचल के मंत्री राजेश धर्माणी और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू तक पहुंचाई, लेकिन उन्हें केवल आश्वासन ही मिला, कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
10 वर्षों से बराबर कार्य, लेकिन बराबर अधिकार नहीं
कर्मचारियों का कहना है कि वे पिछले 8-10 वर्षों से नियमित कर्मचारियों के समान कार्य और कर्तव्य निभा रहे हैं। फिर भी उन्हें समान मानदेय और लाभ क्यों नहीं दिया जाता? उन्होंने मांग की है कि सरकार इस नीति में कटौती की तारीख को हटाकर सभी कर्मचारियों को समान लाभ प्रदान करे। कर्मचारियों ने स्पष्ट किया है कि यदि उनकी मांगों पर जल्द ध्यान नहीं दिया गया तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाने से पीछे नहीं हटेंगे। उनका कहना है कि यह उनके भविष्य और अधिकारों की लड़ाई है, और वे इसे हर हाल में लड़ेंगे।