सोलन : सामुदायिक विकास योजनाओं को लेकर बैठक आयोजित
डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी के साथ लगती पांच ग्राम पंचायतों के प्रतिनिधियों के साथ मंगलवार को विश्वविद्यालय परिसर में कुलपति प्रो राजेश्वर सिंह चंदेल की अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन किया गया। इसमें नौणी, मझगांव, ओच्छघाट, शमरोड, दारो देवरिया और कोटला पंजोला ग्राम पंचायतों के प्रधानों और उपप्रधानों ने भाग लिया और विश्वविद्यालय के साथ मिलकर इन पंचायतों में विभिन्न सामुदायिक परियोजनाओं के विकास करने पर बातचीत की।
इस अवसर पर प्रोफेसर चंदेल ने बताया कि बैठक का मुख्य उद्देश्य इन पंचायतों की जरूरतों को समझना था और इन क्षेत्रों में विश्वविद्यालय द्वारा पंचायतों के संसाधनों से समुदाय आधारित परियोजनाओं को कैसे विकसित किया जाएगा इस पर बातचीत करना था। पंचायत के प्रतिनिधियों और विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने चर्चा की कि कैसे पारंपरिक मधुमक्खी पालन, बहुउद्देश्यीय वृक्षों और चारा आधारित घासों के रोपण, प्राकृतिक खेती, मोटे अनाज का उत्पादन और मिट्टी से बने कृषि उपज के भंडारण के लिए पारंपरिक सामुदायिक संरचनाओं का निर्माण और पारंपरिक प्रौद्योगिकियों के उपयोग से विभिन्न परियोजनाएं कैसे तैयार की जा सकती हैं।
प्रो. चंदेल ने बताया कि इन पंचायतों के निवासियों के लिए क्षेत्र की आवश्यकता के अनुसार स्थायी कृषि, बागवानी को अन्य गतिविधियों से जोड़कर विभिन्न परियोजनाओं को विकसित करने की संभावनाओं पर पंचायत प्रतिनिधियों से चर्चा की गई और आने वाले समय में यह परियोजनाएं विभिन्न वित्त पोषण संस्थाओं को भेजी जाएगी। इस बैठक के दौरान इन पंचायतों में मोटे अनाज के महत्व, जल संरक्षण, बीज और नर्सरी उत्पादन गतिविधियों के साथ-साथ प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने पर भी चर्चा की गई।
बैठक में नौणी मझगांव से मदन हिमाचली और हरदेव सिंह, कोटला पंजोला से हेमराज व बाला राम, ओच्छघाट से पूनम व नरेश कुमार, शमरोड से नंदा राम व जगमोहन ठाकुर व दारो देवरिया पंचायत से देविंदर सिंह व कमल देव शामिल हुए। इस अवसर पर निदेशक विस्तार शिक्षा डॉ. इंदर देव, संयुक्त निदेशक अनुसंधान डॉ. सतीश शर्मा, बीज विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के विभाग अध्यक्ष डॉ. नरेंद्र भरत, डॉ. सुधीर वर्मा और डॉ. रोहित वशिष्ठ मौजूद रहे।