रीजनल अस्पताल में चल रहे डायलेसिस सेंटर की हालत नाजुक : संदीप सांख्यान
जिला मुख्यालय पर स्थित बिलासपुर के रीजनल अस्पताल में चल रहे डायलेसिस सेंटर की हालत नाजुक अवस्था मे है। यह डायलेसिस सेंटर बुनियादी तौर पर प्राइवेट पार्टनरशिप की योजना के तहत चल रहा है लेकिन अभी तक यह पता नहीं चल पा रहा है कि इस डायलेसिस सेंटर में रोगियों को अपना डायलेसिस करवाने के लिए कौन से नियम और कायदे बरतने होंगे। यह बात जिला कांग्रेस महासचिव संदीप सांख्यान ने कही।
उन्होंने कहा कि आर एस बी वाई राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत दी जाने वाली राशि का सही से इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है, क्योंकि डायलेसिस किस मरीज को होना है यह भी कोई साफ सिद्धान्त नहीं है कुछ तो डायलेसिस उन मरीजों का हो रहा है जो कि इंडोर में है लेकिन कुछ मरीज जो डायलेसिस करवाने के लिए बाहर से आते हैं उनमें असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का स्वास्थ्य विभाग इस डायलेसिस सेंटर की नोडल एजेंसी बन कर काम कर रहा तो स्वास्थ्य विभाग का इस डायलेसिस सेन्टर के लिये इतना लचर सिस्टम क्यों है। जिला बिलासपुर के डायलेसिस सेंटर में रीजनल अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट को बताना चाहिए कि अभी तक इस डायलेसिस सेंटर में कितने रोगियों का डायलेसिस हो चुका है और किन नियमों के तहत वह डायलेसिस किया गया। इसके अलावा प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बीमा योजना के तहत कितना पैसा इस डायलेसिस सेन्टर के रोगियों हेतू खर्च हो चुका है और जो पैसा डायलेसिस के अलावा खर्चा गया वह कहां खर्चा गया इसका भी भी लेखा जोखा सामने आना चाहिए। यदि यह सब जिला बिलासपुर के रीजनल अस्पताल के डायलेसिस सेंटर में हो रहा तो प्रदेश के बाकी डायलेसिस सेंटरों का भी यही हाल होगा। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि इनके मरीजो पर किये जाने कुल खर्चो की जानकारी सार्वजनिक होनी चाहिए।