हिमाचल के जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह से मिले करूणामुलक संघ के सदस्य लगाई नौकरी की गुहार
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हिमाचल करूणामुलक संघ का एक प्रतिनिधि मण्डल ने जोगिंदरनगर में हिमाचल सरकार के केबिनेट जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह को करूणामुलक नौकरीयों संबंधित ज्ञापन सोंपा व आगामी कैबिनेट में भी इस मुद्दे को उठाने की मांग की। इस दौरान कुलदीप, रंजीत, विनोद, पंकज, सुनील , श्याम सिंह, अक्षय इत्यादि करुणामूलक आश्रित मौजूद रहे। कुलदीप कुमार ने बताया कि करूणामुलक आधार पर सरकारी नौकरी देने के मामलों पर अभी सरकार कोई अंतिम फैसला नहीं ले पाई है। जबकि सरकार के पास विभिन्न विभागों में 4500 से ज्यादा मामले है प्रभावित परिवार करीब 15 साल से नौकरी का इंतजार कर रहें है। उन्होने बताया कि कई विभागों में कर्मचारी की सेवा के दौरान मृत्यु होने के बाद आश्रित परिवार दर दर की ठोंकरें खाने को मजबुर है। हिमाचल में इस तरह के सैंकड़ो मामले है ,जहां 15 साल बीत जाने के बाद भी आश्रितों को नौकरी नही मिल पाई है। हर रोज़ कार्यालयों के चक्कर लगा रहे लेकिन आश्वासन के सिवा आज दिन तक कुछ हाथ नही लगा है। करूणामुलक आश्रितों का कहना है कि उनके परिवार में कोई भी सरकारी नौकरी नही करता है इन के परिवारों की आर्थिक स्थिती अच्छी नही है सभी करूणामुलक आश्रितों ने प्रशासन व प्रदेश सरकार से आग्रह किया है कि आगामी कैबिनेट में करूणामुलक नौकरीयों पर सरकार उचित फैसला लें ।
मुख्य मांगे :-
1) समस्त विभागों, बोर्डों, निगमों में लंबित पड़े करुणामूलक आधार पर दी जाने वाली नोकरियों के केसों को जो 7/03/2019 की पॉलिसी मे आ रहे हैं उनको One Time Settlement के तेहत सभी को एक साथ नियुक्तियाँ दी जाएं |
2) करुणामूलक आधार पर नोकरियों वाली पॉलिसी में संसोधन किया जाए व उसमे 62500 की राशि एक सदस्य सालाना आय सीमा शर्त को पूर्ण रूप से हटा दिया जाए
3) योग्यता के अनुसार आश्रितों को बिना शर्त के सभी श्रेणीयो में नौकरी दी जाऐ !
4) 5% कोटा शर्त को हटा दिया जाए ताकि विभाग अपने तोर पर नियुक्तियाँ दे सके
5) जब किसी महिला आवेदक की शादी हो जाती है तो उसे पॉलिसी से बाहर किया जाता है इस शर्त को भी हटाया जाए
6) जिनके कोर्ट केस वहाल हो गए हैं उन्हे भी नियुक्तियाँ दी जाए
बता दें कि करुणामूलक आधार पर सरकारी नौकरी देने के मामला दिन प्रतिदिन जोर पकड़ता जा रहा हैं पर अभी तक सरकार अपना रवैया स्पष्ट नही कर पाई है। जबकि सरकार के पास विभिन्न विभागों में करुणामूलक के लंबित करीब 4500 से ज्यादा मामले पहुंचे हैं और प्रभावित परिवार करीब 15 साल से नौकरी का इंतजार कर रहे हैं।
प्रमुख विभागों में लंबित करुणामूलक मामले
गृह विभाग 400 से अधिक
आईपीएच 350 से अधिक
लोक निर्माण विभाग 500 से अधिक
बिजली बोर्ड लगभग 790
वन कॉर्पोरेशन लगभग 150
पुलिस विभाग लगभग 400
एलीमेंटरी शिक्षा लगभग 300
उच्च शिक्षा लगभग 125
वन 200 से अधिक
स्वास्थ्य लगभग 200
जल शक्ति विभाग लगभग 350