हमीरपुर : एनआईटी में आयोजित विद्यार्थी विज्ञान मंथन कार्यक्रम में पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल
एनआईटी हमीरपुर में विज्ञान भारती द्वारा आयोजित विद्यार्थी विज्ञान मंथन कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री ने होनहार विद्यार्थी नवाज़े और उन्हें अपनी संस्कृति, भाषा व पूर्वजों के गौरवमय इतिहास से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ने का आह्वान किया। प्रो० धूमल ने कहा कि वर्षों की गुलामी के बाद हम लोग इतनी हीन भावना से ग्रस्त हो गए कि स्वतंत्र भारत के शासकों ने राम सेतु को काल्पनिक बताने वाला हलफ़नामा अदालत में दे दिया, जबकि सच्चाई तो यह है कि विश्व भर में वह हमारे पूर्वज प्रभु श्रीराम थे जिन्होंने समुद्र पर ही पुल बना दिया था, जिसे हम राम सेतु के नाम से जानते हैं। हमारे पूर्वजों ने रामायण काल में पुष्पक विमानों जैसे आवागमन के हवाई साधन बना लिए थे। यह हमारा गौरवमयी इतिहास है, आज की पीढ़ी को अपना इतिहास जान कर उससे प्रेरणा लेनी चाहिए, जिससे वह अपना आत्मविश्वास बढ़ाएंगे और अंततः देश को आगे ले जाने में योगदान देंगे। डॉ श्यामा प्रशाद मुखर्जी ने कहा था जो लोग अपना इतिहास नहीं जानते, वह कभी उस पर गर्व महसूस नहीं कर सकते और न ही उनमें आत्मविश्वास पैदा होगा तो वह राष्ट्र कैसे आगे बढ़ा सकेंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमें अपनी संस्कृति को समझ कर, जान कर उससे प्रेरणा लेने की ज़रूरत है। हमारी वर्षों पुरानी संस्कृति ने विश्व के कई देशों को दिशा दी है, आगे बढ़ने की राह दिखाई है। जर्मनी सरीखे विश्व के महाशक्तिशाली देश संस्कृत भाषा मे लिखे वेदों को अपने यहां ले गए, वहां के वैज्ञानिकों ने हमारे वेदों को पढ़ कर आगे बढ़ने की प्रेरणा ली। यह हमारी संस्कृति और हमारी भाषा का गौरव है। जिसका ज्ञान हमें होना चाहिए। लेकिन हम पाश्चात्य रंगों से आकर्षित होकर अपनी भाषा ही भूल गए।
धूमल ने कहा कि हमसब बहुत सौभाग्यशाली हैं जो हमें प्रधानमंत्री नरेन्दर मोदी जैसे वैज्ञानिक सोच रखने वाले नेता मिलें हैं। आज भारत के वैज्ञानिक कोविड वैक्सिनेशन बना कर न केवल देशवासियों की रक्षा करने में बल्कि विश्व के कई देशों को यह वैक्सिनेशन देने में सफल हुए हैं तो यह प्रधानमंत्री की वैज्ञानिक सोच और दृढ़ संकल्पित नेतृत्व का परिणाम है। हमारे देश के वैज्ञानिकों ने कोरोना महामारी जिससे दुनिया त्रस्त है, के रोकथाम के लिए दो वैक्सिनेशन बना भी ली और चार वैक्सिनेशन औऱ लगभग बनने को तैयार हैं। इस बात का हमें गर्व होना चाहिए।