मुख्यमंत्री को खुद नहीं मालूम वो चुनाव क्यों हारे : कुलदीप सिंह राठौर
उपचुनाव में मिली शानदार जीत के बाद प्रदेश कांग्रेस में नई ऊर्जा दिख रही है। निसंदेह कांग्रेस का मनोबल बढ़ा है और पार्टी पहले से ज्यादा मजबूत और संगठित दिखने लगी है। इस जीत के साथ ही बदली राजनैतिक फिजा में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप राठौर के सियासी वजन में भी इजाफा हुआ है। उपचुनाव के नतीजे कांग्रेस के पक्ष में आये है तो राठौर को भी जीत का क्रेडिट मिलना जायज है। कुलदीप सिंह राठौर पार्टी की बड़ी ताकत बनकर उभरे है, दरअसल उनका किसी गुट में न होना पार्टी को एकजुट रखने में कारगर सिद्ध हुआ है। उपचुनाव में मिली जीत, संगठन को लेकर आगे की रणनीति, 2022 में खुद चुनाव लड़ने जैसे कई अहम मसलों पर फर्स्ट वर्डिक्ट ने राठौर से विशेष बातचीत की। राठौर ने तमाम विषयों पर बेबाकी से अपनी बात रखी। पेश है बातचीत के मुख्य अंश
सवाल : सत्ता के सेमीफाइनल में कांग्रेस ने चारों सीटों पर जीत दर्ज की है। ऐसे में आगामी 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर क्या रणनीति रहने वाली है ?
जवाब : हाल ही में जो प्रदेश में उपचुनाव हुए है वो बेहद ही महत्त्वपूर्ण चुनाव थे। हमारी लड़ाई न केवल केंद्र व प्रदेश सरकार से थी बल्कि भाजपा की जनविरोधी नीतियों से भी थी। सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ हमने और हमारे संगठन ने लगातार प्रदर्शन किए, आंदोलन किए। हम हमेशा लोगों के साथ खड़े रहे और यही कारण है कि हमें चुनाव के दौरान जनता का भरपूर समर्थन मिला। चुनाव की जीत कभी भी एक दिन में तय नहीं होती है, संगठन को हमेशा सक्रिय रहना पड़ता है और पिछले 3 वर्षों से हमारा संगठन लगातार सक्रिय रहा है। उपचुनाव के बाद अब हमारा लक्ष्य उन सभी विधानसभा क्षेत्रों का दौरा करना है जहाँ कांग्रेस की स्तिथि सहज नहीं है। हमारी क्या कमियां रही है और क्या सुधार किया जा सकता है, इन सभी चीज़ों पर विचार किया जा रहा है। उपचुनाव में कांग्रेस को मिली जीत का असर पूरे हिंदुस्तान में हुआ है। हमारी पार्टी ने सेमीफाइनल जीता है और हम उत्साहित भी है, लेकिन अति उत्साहित नहीं। संगठन को किस तरह से और मजबूत किया जाए इस पर हम लगातार मंथन कर रहे है।
सवाल : मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने जारी एक ब्यान में कहा है कि कांग्रेस श्रद्धांजलि से चुनाव जीती है, इस पर आपका क्या विचार है ?
जवाब : इस ब्यान पर तो मैं ये ही कहूंगा ये मुख्यमंत्री का विरोधाभास है। एक तरफ तो उनका कहना है कि चुनाव में हार उनके आंतरिक कारणों की वजह से हुई है और दूसरी तरफ मुख्यमंत्री कहते है कि कांग्रेस को श्रद्धांजलि के वोट मिले है। सबसे पहले तो मुख्यमंत्री खुद ही स्पष्ट करें कि आखिर उपचुनाव में वो क्यों हारे है। मुख्यमंत्री खुद हार के कारण को ढूंढ़ने में उलझ गए और वास्तविकता तक नहीं पहुँच पाए। मैं उन्हें ये बताना चाहता हूँ कि भाजपा इसलिए चुनाव हारी है क्योंकि पिछले चार वर्षों में प्रदेश में कोई भी विकास कार्य नहीं हुआ है। प्रदेश में लगातार महंगाई व बेरोज़गारी बढ़ी है, कानून व्यवस्था भी ठीक नहीं है और ऐसे कई कारण रहे जिनकी वजह से भाजपा को हार का सामना करना पड़ा और इन सभी मुद्दों को जनता तक पहुंचाने में हम सफल रहे। मुझे लगता नहीं है कि मुख्यमंत्री को इस हार से कुछ सबक मिला है। वही श्रृद्धांजलि की बात करे तो मुख्यमंत्री क्या कहना चाहते है। किसकी श्रद्धांजलि की बात वो कर रहे है वीरभद्र सिंह जी ने प्रदेश के लिए काम किया है और यदि हम उनके द्वारा किये गए कार्यों का ज़िक्र करते भी है तो वो हमारा अधिकार है। कांग्रेस पार्टी ने हिमाचल को बनाया है और निश्चित तौर पर जब हम चुनाव प्रचार करेंगे तो अपनी पार्टी की बड़ी हस्तियों का उल्लेख जरूर करेंगे।
सवाल : मुख्यमंत्री का ये भी कहना है कि कांग्रेस में मुख्यमंत्री के16 चेहरे हैं, इस बात को आप किस तरह देखते है ?
जवाब : देखिये मुख्यमंत्री जी अपना क्रोध शांत करने के लिए कुछ भी कह सकते हैं। अब कौन से वो 16 चेहरे है वो ही बताएं। मुख्यमंत्री जी अगर बोल रहे हैं कि कांग्रेस पार्टी में मुख्यमंत्री के 16 चेहरे है तो इसका मतलब ये है कि कांग्रेस पार्टी इतनी सक्षम है कि हमारे पास इतने मुख्यमंत्री के चेहरे है। मुख्यमंत्री का चेहरा तो वही होगा जो सक्षम होगा। अगर कोई मुख्यमंत्री का दावेदार है भी तो इसमें कोई बुराई नहीं है। अगर कोई भी संगठन में काम कर रहा है तो उसका पूरा हक़ बनता है लेकिन लक्ष्मण रेखा के अंदर रह कर। यदि कोई सोचता है कि उसे आगे बढ़ना है तो इसमें क्या गलत है। बाकी जो मुख्यमंत्री कहते हैं मैं उनकी बातों पर अधिक गौर करना जरूरी नहीं समझता हूँ।
सवाल : आपकी लीडरशिप में कांग्रेस ने जीत हासिल की है और लोगो के मन में ये सवाल है कि क्या कुलदीप राठौर आगामी चुनाव लड़ेंगे ?
जवाब : देखिये अभी फ़िलहाल तो मैं चुनाव लड़वा रहा हूँ और प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते मेरा ये फ़र्ज़ है कि मैं पार्टी के हर उम्मीदवार के साथ खड़ा रहूं। मुझे इस बात की ख़ुशी है की पार्टी का जो जिम्मा मुझे दिया है मैं उसे पूर्ण रूप से निभाने का प्रयास भी कर रहा हूँ और निश्चित तौर पर मैं सफल भी रहा हूँ। रही बात चुनाव लड़ने की तो निश्चित तौर पर मेरे गृह क्षेत्र के लोग मुझे हमेशा क्षेत्र का दौरा करने व चुनाव लड़ने के लिए प्रेरित करते आएं है। लेकिन मेरा मानना है कि जिस पद पर मैं अभी हूँ मेरा पहला दायित्व संगठन को मजबूत करना है, बाकी सभी बाते सेकेंडरी है। मेरे निर्वाचन क्षेत्र के लोगों को मुझसे अपेक्षा है और मैं पूरा प्रयास करूंगा की उनकी उम्मीदों पर खरा उतरूं।
सवाल : प्रदेशवासियों के लिए क्या सन्देश देना चाहेंगे ?
जवाब : मैं यही कहना चाहता हूँ कि पक्ष हो या विपक्ष हो हमें देश के विकास के लिए ही कार्य करना है। मैं प्रदेश की जनता को भी यही कहना चाहता हूँ कि अपना नेता वही चुने जो आपकी सभी तकलीफों को समझे और आपके लिए दिन रात खड़ा रहे।