जनता त्रस्त और जयराम सरकार मस्त, उपचुनाव में माकूल जवाब देगी जनता : धनीराम शांडिल
पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के निधन के बाद कांग्रेस में नेतृत्व को लेकर सवाल उठ रहे है। करीब चार दशक तक वीरभद्र सिंह ही पार्टी का फेस रहे, पर अब उनके निधन के बाद हिमाचल कांग्रेस में नेतृत्व को लेकर संशय की स्थिति है। पार्टी में कई वरिष्ठ नेता है जो नेतृत्व करने की काबिलियत रखते है और कर्नल धनीराम शांडिल भी उनमें से एक है। शांडिल दो बार शिमला संसदीय क्षेत्र से सांसद रहे है, कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य रहे है और वर्तमान में दूसरी दफा सोलन निर्वाचन क्षेत्र से विधायक है। वे गांधी परिवार की गुड बुक्स में है, पर उनकी असल ताकत उनका बेदाग़ राजनैतिक करियर है। जब प्रदेश में वीरभद्र सिंह की सरकार थी तब वर्ष 2016 में भाजपा कांग्रेस के मंत्रियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मुद्दे पर चार्ज शीट लेकर आई थी। तब भाजपा ने तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह, उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह, बेटे विक्रमादित्य सिंह, प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू, 10 मंत्रियों, 6 सीपीएस और 10 बोर्ड-निगम-बैंकों के अध्यक्ष-उपाध्यक्षों समेत कुल 40 नेताओं और एक अफसर पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे। पर उस चार्जशीट में भी कर्नल धनीराम शांडिल का नाम नहीं था। यानी विपक्ष भी कभी उनकी ईमानदारी पर सवाल नहीं उठा पाया। एक बात और कर्नल शांडिल के पक्ष में जाती है, वो है उनकी गुटबाजी से दुरी। प्रदेश कांग्रेस में कई धड़े है और शांडिल किसी भी गुट में शामिल नहीं है।
फर्स्ट वर्डिक्ट ने कई अहम मसलों पर कर्नल शांडिल से विशेष बातचीत की। शांडिल ने माना कि वीरभद्र सिंह जैसा कोई अन्य नेता नहीं हो सकता और उनकी कमी कांग्रेस को खलने वाली है। पर शांडिल ये भी मानते है कि प्रदेश कांग्रेस में योग्य नेताओं की कोई कमी नहीं है। शांडिल ने कहा कि वे पार्टी को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस दौरान शांडिल ने प्रदेश की जयराम सरकार को विफल व जनविरोधी करार दिया। उन्होंने उपचुनाव में भी कांग्रेस की जीत का दावा किया। कर्नल शांडिल ने पार्टी में इंटरनल डेमोक्रेसी की जरूरत का भी समर्थन किया और प्रदेश संगठन को सक्षम बताया। पेश है बातचीत के मुख्य अंश
सवाल : पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बाद प्रदेश में कांग्रेस की स्थिति को आप किस तरह देख रहे है ?
जवाब : वीरभद्र सिंह जी एक बहुत बड़े कद के नेता थे। प्रदेश निर्माता डॉ परमार ने प्रदेश का प्रारूप बनाया था और कहा था की सड़के हमारी भाग्यरेखाएं है, तो वीरभद्र सिंह ने उन रूप रेखाओं को ज़मीन पर उतारा और एक प्रकार से आधुनिक हिमाचल के निर्माता बने। मुझे अब भी याद है जब डॉ एपीजे अब्दुल कलाम हिमाचल आये तो उन्होंने कहा था कि "जब भी मैं हिमचाल आया तो मैंने मुख्यमंत्री के रूप में वीरभद्र सिंह को ही देखा।" वीरभद्र सिंह प्रदेश के 6 बार मुख्यमंत्री रहे परन्तु उन्होंने राजा न रहकर लोगों के मन पर राज किया। वे बहुत बड़े नेता थे और उनकी कमी अवश्य है। मेरा मानना है कि जो अब स्थिति है वो लगभग ऐसी ही है जैसी पूर्व में पंडित जवाहर लाल नेहरू के निधन के बाद बनी थी। तब आमतौर पर कहा जाता था कि अब कैसे कार्य किया जायेगा लेकिन उसके बाद इंदिरा गाँधी जी आई और इंदिरा गांधी के बाद राजीव गांधी जी ने सब संभाला। राजनीति में इस प्रकार की स्थिति आती रहती है। हिमाचल कांग्रेस में भी आई है। जहाँ तक नेतृत्व का विषय है मुझे लगता है कि ऐसी कोई समस्या नहीं आएगी, नया और सक्षम नेतृत्व उभरकर आएगा।
सवाल : आप भी वरिष्ठ नेता है, आप हिमाचल से कांग्रेस वर्किंग कमेटी के पहले सदस्य भी रहे थे। आने वाले समय में यदि कोई बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जाती है तो उसके लिए कर्नल शांडिल कितने तैयार है ?
जवाब : देखिये ये तो लोकतंत्र का एक प्रकार से तकाज़ा है कि संख्या के बल के आधार पर ही हम राजनीति को आगे ले जाते है। जो भी दल संख्या में आगे आता है उसमें चुने हुए प्रतिनिधि इस बात का निर्णय करते है और इसमें हाईकमान की भी भूमिका होती है। मेरा अपना मानना है कि हम सबसे पहले उस संख्या को पैदा करे और उसके बाद ये कोई इतना जटिल मुद्दा भी नहीं है कि नेतृत्व कैसे संभाला जायेगा। चुने हुए प्रतिनिधि और हाईकमान जो भी निर्णय लेंगे वो सबको मंजूर होगा। मैं पार्टी का सच्चा सिपाही हूँ, फिलहाल मैं पार्टी की मजबूती हेतु अपना हरसंभव योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध हूँ। हमने कांग्रेस को सत्ता में लाना है और प्रदेश की जनता को इस जनविरोधी सरकार से मुक्ति दिलानी है।
सवाल : 30 अक्टूबर को प्रदेश में उपचुनाव है, क्या अपेक्षा रखते है आप ?
जवाब : जनता त्रस्त है और ये सरकार मस्त है। इस सरकार ने प्रदेश का विकास ठप कर दिया है। उपचुनाव में जनता इन्हें माकूल जवाब देगी। कांग्रेस चुनाव के लिए तैयार है और मैं आश्वस्त हूँ कि पार्टी बेहतरीन प्रदर्शन करेगी।
सवाल : प्रदेश कांग्रेस संगठन को आप किस तरह देख रहे है। वर्तमान में संगठन सक्षम है या उसमें बदलाव की दरकार आप मानते है ?
जवाब : हमारा संगठन काफी अच्छा काम कर रहा है और हाल ही में नगर निगम चुनाव के दौरान भी पालमपुर और सोलन में हमारी नगर निगम बनी। संगठन ने अच्छा काम किया है। सभी ने मिलजुल कर कार्य किया। प्रदेश में सरकार भारतीय जनता पार्टी की थी इसके बावजूद भी हम नगर निगम चुनाव में अच्छा करने में कामयाब हुए। अब उप चुनाव में भी हमारा संगठन बेहतरीन कार्य करेगा और हमें विजय श्री मिलेगी।
सवाल : आप राष्ट्रीय स्तर के नेता है। कांग्रेस के भीतर से आंतरिक लोकतंत्र की मांग उठ रही है। क्या आप भी इस बात के पक्षधर है ?
जवाब : जी बिलकुल आंतरिक लोकतंत्र हमेशा ही लाभप्रद सिद्ध हुई है। चाहे वो किसी भी संस्थान में हो विशेषकर राजनीतिक दलों में आंतरिक लोकतंत्र के निर्णायक परिणाम आये है और मेरा मानना है की यदि हमारे दल में भी इसकी पालना की जाए तो इसके परिणाम अच्छे ही होंगे।
सवाल : 2022 के लिए भी लगभग एक साल शेष रह गया है किन मुद्दों के साथ कांग्रेस मैदान में उतरेगी ?
जवाब : मेरा मानना है कि विकास सबसे बड़ा मुद्दा है। कांग्रेस हमेशा भाईचारे, धर्मनिरपेक्षता, राष्ट्र की उन्नति की बात करती है और कांग्रेस इन्ही मुद्दों पर आगे आएगी। निश्चित ही 2022 में हमारी सरकार बनेगी।
सवाल : जयराम सरकार के कामकाज को किस तरह देखते है?
जवाब : मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सरल स्वभाव के व्यक्ति है परन्तु सरकार ने जिस प्रकार की नीतियां अपनाई है मैं समझता हूँ कि उनमें काफी ज़्यादा सुधार की आवश्यकता हैं। चाहे वो कोरोनाकाल के दौरान के मैनेजमेंट का हो या चाहे कर्मचारी वर्ग की तरफ ध्यान न देना हो, ऐसे कई मुद्दे है। इसलिए मेरा मानना है की इन सभी मामलों के दृष्टिगत जयराम सरकार लोगों की उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी। एक और बात कहना चाहूंगा, सरकार का नौकरशाही पर कोई नियंत्रण नहीं है। कानून व्यवस्था चौपट है। ऐसी सरकार कभी भी जन हितेषी नहीं हो सकती।