प्रतिभा सिंह का प्रचार शुरू, जल्द प्रत्याशी का ऐलान करें आलाकमान : महेश्वर सिंह
मंडी संसदीय सीट पर उपचुनाव होने है और टिकट के लिए कई दावेदार सामने आ चुके है। भाजपा के ओर से पूर्व सांसद महेश्वर सिंह ने भी टिकट के लिए आवेदन किया है और वे चुनाव लड़ने के लिए पूरी तैयारी में दिख रहे है। महेश्वर सिंह को इंतज़ार है तो बस आलाकमान की हरी झंडी का। उधर कांग्रेस की तरफ से पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी और पूर्व सांसद प्रतिभा सिंह का नाम लगभग तय माना जा रहा है। निसंदेह वीरभद्र सिंह के निधन के बाद कांग्रेस के पक्ष में सहानुभूति लहर भी असरदार होगी। ऐसे में भाजपा की तरफ से अनुभवी महेश्वर सिंह एक सशक्त विकल्प हो सकते है। फर्स्ट वर्डिक्ट मीडिया ने महेश्वर सिंह से विशेष बातचीत की। महेश्वर सिंह ने उनकी दावेदारी सहित महंगाई -बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर अपनी राय रखी। उन्होंने जयराम सरकार की तारीफ़ भी की और बार -बार निर्णय न बदलने का मश्वरा भी दे दिया। पेश है बातचीत के मुख्य अंश ....
सवाल : मंडी संसदीय क्षेत्र में उपचुनाव होना है और आप भी दावेदार बताए जा रहे है। क्या आपने टिकट के लिए आवेदन किया है ?
जवाब : जी मैंने बिल्कुल आवेदन किया है और सबसे पहले किया है। मुझे लगता है कि जिस तरह से प्रदेश में अब हालात बने हुए हैं चुनाव आयोग कभी भी मंडी संसदीय क्षेत्र के प्रस्तावित उपचुनाव का ऐलान कर सकता है। ऐसे में मैंने पार्टी हाईकमान से आग्रह किया है कि जल्द से जल्द मंडी संसदीय क्षेत्र से पार्टी प्रत्याशी के नाम का ऐलान कर दे। मैं यह कहना चाहता हूं कि एक तरफ जहां विपक्ष के नेता मंडी संसदीय क्षेत्र में होने वाले उपचुनाव को लेकर लगभग तय माने जा रहे पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह की धर्मपत्नी प्रतिभा सिंह के प्रत्याशी होने का सब जगह प्रचार कर रहे हैं, वहीं हमारी पार्टी ने अपने प्रत्याशी के नाम पर चुप्पी साध रखी है। मैं पार्टी हाईकमान से आग्रह करता हूं कि जल्द से जल्द मंडी संसदीय क्षेत्र में होने वाले उपचुनाव को लेकर प्रत्याशी का नाम सार्वजनिक करें, ताकि फील्ड में युद्ध स्तर पर काम किया जा सके। मैं तो यहां तक कह रहा हूं कि अगर पार्टी हाईकमान मुझे चुनाव में उतारना चाह रही है तो उसका ऐलान भी जल्द कर दे। पार्टी को इस विषय में देरी नहीं करनी चाहिए।
सवाल : पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के निधन के बाद संभवतः प्रतिभा सिंह मंडी से कांग्रेस उम्मीदवार होगी। जाहिर सी बात है कांग्रेस को सहानुभूति लहर से भी उम्मीद होगी। ऐसे में क्या आप मानते है कि भाजपा के लिए मंडी का चुनाव अब कठिन होने वाला है ?
जवाब : पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह एक बहुत बड़े नेता थे। हिमाचल की अगर बात करूं तो हिमाचल में वे कांग्रेस का चेहरा थे। ऐसे में उनके न रहने के बाद कांग्रेस के नेताओं द्वारा यह बात कही जा रही है कि मंडी संसदीय क्षेत्र से प्रतिभा सिंह प्रत्याशी होगी और निश्चित तौर पर कांग्रेस का यह प्रयास रहेगा कि मंडी संसदीय सीट पर उन्हें लोगों की सहानुभूति का फायदा जरूर मिले। लेकिन अगर यहां मैं अपनी बात करूं तो अगर मुझे पार्टी हाईकमान द्वारा मंडी संसदीय क्षेत्र से उपचुनाव में उतारा जाता है तो यह मेरा पहले भी चुनावी क्षेत्र रहा है। मैं यहां से पहले भी चुनाव जीतकर दिल्ली पहुंचा हूं। ऐसे में लोग मुझे जहां इस क्षेत्र में पहचानते हैं, जानते हैं और मेरे काम करने के तरीके से अच्छी तरह वाकिफ है। लिहाजा मुझे ऐसा लगता है कि मंडी संसदीय क्षेत्र में भाजपा को मेहनत तो करनी पड़ेगी, लेकिन मैं इसे बड़ी चुनौती के तौर पर नहीं देखता हूं।
सवाल : महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दे क्या इस चुनाव में भाजपा को भारी नहीं पड़ेंगे। इसे कैसे काउंटर करेंगे ?
जवाब : कोरोना काल में जिस तरह से मोदी सरकार ने काम किया है उसकी तारीफ न केवल प्रदेश व देश में हो रही है, बल्कि विदेशों में भी मोदी सरकार के कार्य को सराहा जा रहा है। केंद्र सरकार व प्रदेश सरकार महंगाई पर नियंत्रण पाने को लेकर लगातार जहां प्रयास कर रहे हैं, वहीं युवाओं व बेरोजगारों को रोजगार भी उपलब्ध करवा रही है। प्रदेश के किसान बागवानों के लिए जयराम सरकार लगातार काम कर रही है। ऐसे में महंगाई और बेरोजगारी से निपटने के लिए जयराम सरकार प्रयासरत है।
सवाल : कई नेताओं के बयान लगातार प्रदेश सरकार की मुश्किलें बढ़ा रहे है। हालही में सेब के गिरते दामों को लेकर मंत्री महेंद्र सिंह का बयान बागवानों की नाराजगी का कारण बना है। इसके बाद बैठे बिठाए सरकार ने सरबजीत सिंह बॉबी का लंगर हटाकर नया पंगा ले लिया। क्या आप मानते है सरकार को ऐसे विवादों से बचना चाहिए ?
जवाब : जहां तक बात सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों के बयानों को लेकर की जा रही हैं तो मैं यह स्पष्ट कह देना चाहता हूं कि कुछ लोग सरकार की छवि व मंत्रियों की छवि खराब करने का लगातार प्रयास कर रहे हैं। आज टेक्नोलॉजी का जमाना है, ऐसे में कॉपी पेस्ट व कट पेस्ट करके सोशल मीडिया पर उन बयानों को इस तरह से दिखाया जाता है कि लोगों को ऐसा लगता है कि सरकार में मौजूद वरिष्ठ मंत्री बिना किसी जानकारी के बयानबाजी कर रहे हैं। जहां तक बात मंत्री महेंद्र सिंह की है उन्होंने बागवानों को लेकर जो बयान दिया है उसकी अधिक जानकारी मेरे पास नहीं है, लेकिन मैं यहां इतना जरूर कहना चाहता हूं कि महेंद्र सिंह भाजपा के वरिष्ठ नेता है मुझे नहीं लगता कि वह ऐसी कोई बात कह सकते हैं जिससे सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती है। मैं व्यक्तिगत तौर पर उन्हें जानता हूं। महेंद्र सिंह मजाकिया लहजे में कई बार ऐसी बातें करते हैं लेकिन कुछ लोगों द्वारा उसका मतलब गलत निकाल लिया जाता है। आईजीएमसी के कैंसर अस्पताल में लंगर बंद करने की जहां तक बात है इस मामले पर मैं किसी भी तरह की टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं।
सवाल : जयराम सरकार पर अक्सर आरोप लगते है कि अफसरशाही बेलगाम है। क्या आप इससे इत्तेफाक रखते है?
जवाब : ऐसा बिल्कुल नहीं है कि जयराम सरकार में अफसरशाही बेलगाम है। सभी अधिकारी जहां बेहतर काम कर रहे हैं, वहीं मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी अच्छी सरकार चला रहे हैं। प्रदेश की तरक्की के पीछे जहां एक अच्छे नेतृत्व का हाथ होता है, वहीं प्रदेश की कामयाबी सरकार व अधिकारियों के अच्छे तालमेल से ही होती है। हां मैं यहां इतना जरूर कहना चाहूंगा कि मुख्यमंत्री महोदय को किसी भी निर्णय लेने से पहले सभी की राय जान लेनी चाहिए, साथ ही एक बार जो निर्णय ले लिया उसे बार-बार बदलना नहीं चाहिए। इससे सरकार की छवि जरूर खराब होती है। प्रदेश में जयराम सरकार अच्छा काम कर रही है, जिसके पीछे अधिकारियों का सरकार के साथ अच्छा तालमेल होना मुख्य कारण है।
सवाल : अगर निजी तौर पर बात करें तो आपने 2012 के बाद हिलोपा का गठन किया था। फिर भाजपा में आप लौट भी आए। 2017 में आपकी हार का कारण कहीं ये तो नहीं था, या कहीं और चूक हुई ?
जवाब : राजनीति में हार जीत तो चलती रहती है। हार जीत एक सिक्के के दो पहलू हैं और सभी इस बात से भली भांती परिचित भी हैं। हां मैं मानता हूं कि मैंने घर छोड़ा था लेकिन उसके पीछे कुछ बड़े कारण भी रहे थे, जिस कारण मुझे दुखी मन से घर छोड़ने जैसा निर्णय लेना पड़ा था। बाद में मुझे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं द्वारा मनाया भी गया, जिसके बाद मैंने घर वापसी की। पर मैं यहां बताना चाहता हूं कि घर छोड़ने के बाद मैं न तो कांग्रेस में गया और न ही मैंने कभी कांग्रेस का समर्थन किया। वर्ष 2017 में हुए विधानसभा चुनावों में मेरी हार का जहां तक प्रश्न है उसके पीछे एक कारण नहीं दर्जनों ऐसे कारण है जिसका मैं किसी भी सार्वजनिक मंच पर खुलासा नहीं कर सकता। पर पार्टी हाईकमान को उन सभी बातों का, उन सभी कारणों का भली भांति पता है। 2017 में जो जनादेश जनता ने सुनाया या दिया उसका मैंने स्वागत किया।
सवाल : प्रदेश भाजपा का वर्तमान संगठन क्या आपको इतना मजबूत लगता है कि मिशन रिपीट करवा सके। या आप भी मानते है कि सरकार और संगठन का एक होना भाजपा को नुकसान पहुंचाएगा ?
जवाब : भाजपा का संगठन इतना सक्षम है कि वह प्रदेश में एक बार फिर भाजपा सरकार को सत्ता पर काबिज करेगा और लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरेगा। भाजपा टीमवर्क पर विश्वास रखती है। ऐसे में सरकार और संगठन का मिलकर काम करना सही है। मुझे पूरी उम्मीद है कि जयराम सरकार एक बार फिर सरकार के सत्ता संभालेगी और संगठन के सहयोग से मिशन रिपीट का अभियान सफल होगा।