Kangra:- तिरंगा हमारी आन, बान और शान है, इसकी रक्षा करना हमारा सर्वोपरि कर्तव्य है: डॉक्टर के एस अत्री

अटल बिहारी बाजपेयी राजकीय महाविद्यालय तकीपुर में सरकार के आदेशानुसार आजादी का अमृत महोत्सव के तहत "हर घर तिरंगा" अभियान के अंतर्गत भाषण प्रतियोगिता देश भक्ति गीत, कविता पाठ एवं नारा लेखन विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि प्राचार्य डॉ के एस अत्री ने कार्यक्रम में शिरकत करते हुए दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। मंच संचालन प्रोफेसर श्रुति शर्मा द्वारा किया गया। अपने ओजस्वी भाषण में प्राचार्य के एस अत्री ने कहा कि आज राष्ट्र आजादी का 75 वीं वर्षगांठ का पर्व "आजादी का अमृत महोत्सव" के रूप में मनाया जा रहा है। हर घर तिरंगा अभियान भारत सरकार द्वारा शुरू की गई आजादी का अमृत महोत्सव पहल का एक हिस्सा है, जो लोगों को तिरंगा घर लाने और भारत की आजादी के 75 बा वर्ष का जश्न मनाने के लिए इसे फहराने के लिए प्रोत्साहित करता है ।राष्ट्रीय ध्वज के साथ नागरिकों का संबंध हमेशा औपचारिक और विशुद्ध रूप से संस्थागत रहा है । यह अभियान इसे नागरिक के लिए और व्यक्तिगत बनाने का प्रयास करता है ,और राष्ट्र निर्माण के प्रति नागरिकों की प्रतिबद्धता के महत्व पर भी जोर देता है। उन्होंने कहा कि हर घर तिरंगा पहल के पीछे सामान्य विचार भारत के राष्ट्रीय ध्वज के बारे में नागरिकों के बीच जागरूकता को बढ़ावा देना और राष्ट्रीय ध्वज के साथ व्यक्तिगत संबंध बनाकर लोगों के दिलों में देशभक्ति का आवाहन करना है। डॉ अत्री ने कहा कि तिरंगा हमारी आन बान शान है और इसकी रक्षा करना हमारा सर्वोपरि कर्तव्य है। साथ ही उन्होंने विद्यार्थियों को इस मुहिम में जोड़ने तथा सफल बनाने का आग्रह किया।" हर घर तिरंगा "के पावन पर्व पर डॉ अश्विनी शर्मा ने कहा कि भारत के राष्ट्रीय ध्वज को तिरंगा कहते हैं। राष्ट्रीय ध्वज देश की स्वतंत्रता का प्रतीक है। तिरंगा हमारे राष्ट्र की सच्चाई ताकत और संस्कृति का प्रतिनिधित्व करता है। उन्होंने कहा कि तिरंगा अभियान 22 जुलाई 2022 को प्रधानमंत्री द्वारा शुरू शुरू किया गया था ताकि नागरिकों को आजादी का अमृत महोत्सव पहल के तहत 75 वें स्वतंत्रता दिवस मनाने के लिए 13 से 15 अगस्त की अवधि के दौरान अपने घरों में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। डॉ अश्विनी ने कहा कि इस आयोजन से जन भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने भारतीय ध्वज संहिता 2002 में संशोधन किया था। डॉ शर्मा ने छात्र छात्राओं से कहा कि राष्ट्रीय पर्व के इस अवसर आओ हम सब मिलकर हर घर तिरंगा फहराते हुए अपनी सच्ची निष्ठा राष्ट्र के प्रति रखें ।निर्णायक मंडल की भूमिका वरिष्ठ अध्यापक डॉ एस के सोनी, प्रोफेसर अमरीश घई, डॉक्टर भगवान दास एवं सहायक प्रोफेसर लेखराज ने निभाई । डॉ सुरेंद्र सोनी ने बच्चों को राष्ट्रीय ध्वज के विषय में विस्तृत जानकारी दी।